नीमच।जिले में चारा संकट खड़ा न हो, इसके लिए कलेक्टर ने इस संबंध में आदेश जारी कर इसके परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब जिले से बाहर चारा लाने व ले जाने के लिए परमिशीन लेनी होगी। बिना परमिशन के चारा का परिवहन करते हुए पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। बावजूद उसके जिले में निरंतर चारे व सुकले का परिवहन हो रहा है जिसका एक नजारा झांझर वाड़ा इंडस्ट्रीज एरिया क्षेत्र में देखने को मिला है उल्लेखनीय है कि जिले में चारे व सुकले का बेजां तरीके से परिवहन किया जा रहा है। जिसमें सबसे ज्यादा परिवहन बाजरा व गेंहू सहित अन्य फसलों के सुक्ले का किया जा रहा है।दरअसल यहां इस बाजरा की करब का उपयोग या तो ईंट भट्टों में ईंधन के रूप में ओर फेक्ट्रोयो में भी उपयोग किया जाता है।वही किसान अपने पशुओं के लिए महंगें दामों में इस पशु चारे को खरीद ने को मजबूर है।जिसकी वजह से यहां पशु चारे के दाम आसमान पर पहुच रहे है और आने वाले समय में पशु चारे का संकट खड़ा होने की संभावना भी है आम तौर पर गर्मियों में पशु चारे का संकट आ जाता है। इसकी वजह यह है कि गेहूं का भूसा लगभग इस समय तक समाप्त होना शुरू हो जाता है। लोग इसको अपने पशुओं को खिलाते हैं। लेकिन कई स्थानो पर भूसे व सुक्ले का परिवहन कर ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।जिसको लेकर पूर्व में भी पशु मालिकों द्वारा अवैध रूप से परिवहन हो रहे चारे सुकले के परिवहन पर रोक लगाने की मांग की थी, वहीं इनदिनों खेतों में फसलें कटने के बाद अब पुनः अवैध रूप से चारे व सुकले का परिवहन निरंतर शुरू हो गया है जिसका एक नजारा नीमच के झांझर वाड़ा इंडस्ट्रीज एरिया क्षेत्र में देखने को मिला। यहां अधिकतर वाहनों में ओवरलोड तरीके से सुक्ला भरा हुवा था और ओवर लोड होने के कारण एक वाहन तो सड़क किनारे पलटी भी खा गया।हालांकि घटना में कोई भी चोटिल नही हुवा था।परन्तु प्रतिबंधित आदेश के बाद भी शहर में निरन्तर सुकले का परिवहन जारी है।