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कलेक्टर से मिले खेल महासंघ के पदाधिकारी, सोपा 10 सूत्रीय मांग पत्र

नीमच। नीमच के खेल मैदानों व खेल सुविधाओं को लेकर खेल महासंघ के पदाधिकारी शुक्रवार को जिला कलेक्टर दिनेश जैन से मिले एवं उन्हें नीमच के खेल मैदानों व खेल समस्याओं की जानकारी सम्बंधी विस्तृत चर्चा कर एक 10 सूत्रीय मांग पत्र भी सौंपा, जिसमें नीमच की खेल समस्याओं का ब्यौरा दिया गया।जिसमे बताया गया कि पिछली परिषद में बं.नं.60 को खेल प्रशाल के लिये आरक्षित रखने का प्रस्ताव पास किया गया था, उस प्रस्ताव को यथावत रखकर बं.नं.60 को खेल प्रषाल के लिये ही आरक्षित रखा जाए, अन्य किसी प्रयोजन के लिये अंशमात्र भी भूमि बं.नं.60 में नहीं दी जाए।एथलेटिक्स में कई खेल होते हैं, गिनती करें तो संख्या सौ तक पहुंच जाएगी। नीमच में एक एथलेटिक्स ग्राउण्ड विकसित किया जाए जिसमें सभी तरह की दौड स्पर्धाएं, हाई जम्प, लॉंग जम्प, डिस्क थ्रो, शॉट पुट आदि कई एथ्लेटिक्स के खेल हो सकते हैं।डॉ. राजेन्द्रप्रसाद स्टेडियम को आधुनिक तकनीक से ग्रास ग्राउण्ड बनाया जाए।जिसमें कीचड न हो, खेल मैदान के चारों ओर खराब हुई तार फेंसिंग ठीक की जाए। रात्रि में मैच के लिये जो फ्लड लाईट लगी है उसका उपयोग हो ऐसी व्यवस्था की जाए। दर्शको के बैठने के लिये जो सीढियां बनी हैं, उनके उपर छाया के लिये टीन शेड की व्यवस्था हो, बाहर की टीमें जब यहां खेलने आएं तो उनके ठहरने की पर्याप्त व्यवस्था हो।नगरपालिका जिला स्तरीय फुटबॉल स्पर्धा के अलावा राज्य स्तरीय व राष्ट्र स्तरीय टूर्नामेन्ट आयोजित करे अथवा सहयोग दे।नीमच में हॉकी के लिये भी कोई मैदान नहीं है। वर्तमान में कन्या विद्यालय में प्रेक्टिस की जाती है, वहां सीएमराईज स्कूल बन गया है, वह मैदान भी छीन जाएगा। हॉकी के लिये सर्वसुविधायुक्त एस्ट्रोटर्फ ग्राउण्ड बनाया जाए।म.प्र.शासन का फीडर सेन्टर और खेलो इण्डिया का स्माल सेन्टर भी नीमच में है, इसके लिये शहर के मध्य में ही दो हॉकी मैदान उपलब्ध कराए जाएं, जिससे खिलाडी सुचारू रूप से खेल सकें।हमारे यहां एक भी इनडोर स्टेडियम नहीं है जबकि आजकल कई जगह आधुनिक तकनीक से बने इनडोर स्टेडियम बने हुए हैं, जहां खिलाडी अपनी प्रेक्टिस कर तैयारी करते हैं, क्योंकि अब स्पर्धाओं का ट्रेण्ड बदल गया है। हमारे यहां भी एक मल्टीपरपज इनडोर स्टेडियम की अत्यन्त आवष्यकता है जिसमें कुश्ती, बेडमिन्टन, कबड्डी, व्हालीबॉल, टेबल टेनिस, केरम, चेस, जुडो, कराटे, बास्केटबॉल, ताइक्वांडो जैसे कई खेल हो सकें। हमारे यहां बहुत बडा स्वीमिंग पुल बना हुआ है इसमें कई अच्छे तैराक हुए हैं, जिन्होंने देश में नाम किया है और भी हो सकते हैं, परन्तु यह तैराकों के लिये वर्षभर उपलब्ध नहीं रह पाता। यहां के खिलाडी अन्य जगहों पर जाकर अपनी प्रेक्टिस करते हैं। शीतकाल में जितने दिन मेन्टेनेंस के लिये चाहिए, उतने दिन बंद रख इसे वर्षभर तैराकों के लिए चालू रखना चाहिए।नीमच के उपनगर बघाना, नीमच सिटी और ग्वालटोली के लिये भी खेल मैदान होना चाहिए जहां वहां के खिलाडियों को खेलने की जगह मिल सके।नीमच का एकमात्र सार्वजनिक उपयोग का दषहरा मैदान जिसमें मेले, प्रदर्शनी, धाम्रिक, राजनैतिक व सामाजिक आयोजन होते आए हैं, हॉकर्स झोन के नाम पर वहां पर स्थायी गुमटियां व डोम लगाये जाने से वह मैदान भी पूरी तरह अतिक्रमण की चपेट में आ गया है वहां अन्य गतिविधि नहीं होने पर कुछ खेलों के खिलाडी अपना अभ्यास करते हैं व मैच होते हैं। हमारा किसी की रोजी रोटी का साधन छीनने का कतई उद्देष्य नहीं है, परन्तु दशहरा मैदान अतिक्रमण से पूर्णतः मुक्त किया जाए। क्रिकेट आजकल का लोकप्रिय खेल है, इसके लिए उचित जगह का चयन कर क्रिकेट स्टेडियम बनाया जाए।नीमच एक बढता शहर है, आने वाले समय में यहां और मैदानों की आवश्यकता पडेगी। अतः हमारा अनुरोध है कि जो मैदान खेल के लिये आरक्षित है उनके अतिरिक्त और नये खेल मैदानों के लिये भूमि आरक्षित कर छोडी जाए ताकि भविष्य में आने वाली पीढी को मैदानों को लेकर कोई परेषानी न हो। जिला कलेक्टर दिनेश जैन ने सभी मांगों को ध्यान से पढा व पदाधिकारियों से चर्चा कर आश्वासन दिया कि निकट भविष्य में खेल महासंघ के पदाधिकारियों को साथ लेकर मैदानों का सर्वे कर कहां क्या सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है, इस सम्बंध में आगे कार्यवाही की जाएगी। इस अवसर पर खान मोईनुद्दीन, काशीराम बोरीवाल, डॉ.पृथ्वीसिंह वर्मा, डीएफए सचिव प्रमोद शर्मा, हॉकी एसोसिएषन के सचिव इम्तियाज खान, परवेज खान, रमेश थापा, हॉकी कोच प्रियंका जौहरी, विजेन्द्र सिंह, शंकर रामनानी, विक्रम सेरावत, संस्कार शर्मा, रामलाल गौड, धर्मेन्द्र गुरंग, बाबूलाल क्षत्रिय, बशीर पहलवान जावद उपस्थित थे।

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