सिंगोली(निखिल रजनाती)। इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व दोनों बड़ी पार्टियों भाजपा और कांग्रेस ने अपने अपने तौर तरीके से चुनावी बिछात बिछाना शुरू कर दी है तो इसी के फलस्वरूप भारतीय जनता पार्टी जो कि विगत कई वर्षों से प्रदेश की सत्ता पर काबिज है और वापस सत्ता में आने के लिए पार्टी ने अपनी कमर कस ली है क्योंकि देखा जाए तो पिछले कुछ दिनों से अलग अलग सर्वे एवं राजनीतिक सलाहकारों की माने तो इस बार भाजपा कांग्रेस पार्टी के आगे मात खाते दिखाई प्रतीत हो रही है जिसका एक बड़ा कारण भाजपा में अंदरखाने होने की बात सामने आ रही है कि प्रदेश में कई जगह भाजपा कार्यकर्ता अपने ही नेताओं की उपेक्षा के चलते नाराजगी जाहिर करते हुए उनके चुनावी समय के दौरान रोड़ा अटका सकते हैं परंतु यदि बात शीर्ष नेताओं की करें तो अभी तक सब प्रकार से ठीक होता दिखाई दे रहा जिसका कारण केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सक्रियता है।अमित शाह की नजर इन दिनों मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव पर टिकी हुई है जिसका संदेश पिछले दिनों उन्होंने अपने भोपाल आगमन के दौरान दे दिया था और कहा कि मैं हर 15 दिन में मध्यप्रदेश आऊंगा।यूं कहा जाए तो पिछले विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था जिसमें सबसे बड़ी एवं महत्वपूर्ण भूमिका कांग्रेस की तरफ से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने निभाई थी।चूँकि सिंधिया उस चुनाव में कांग्रेस चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष थे जिन्होंने अपने चुनाव प्रचार एवं सभाओं में अपने भाषणों के माध्यम से प्रदेश के मतदाताओं को कांग्रेस पार्टी के पक्ष में मतदान करने के लिए मोहित कर दिया था किंतु वर्तमान की बात करें तो महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया इस बार भाजपा के खेमे में होकर केंद्र सरकार में नागरिक उड्डयन व इस्पात मंत्रालय संभाल रहे हैं इसके साथ ही प्रदेश की जनता की सेवा करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं तो क्या इस बार भाजपा श्रीमंत सिंधिया पर बड़ा दांव खेल सकती है और इसमें कोई संदेह भी दिखाई नहीं दे रहा क्योंकि सिंधिया भलीभांति परिचित हैं कि चुनाव प्रचार करके भाजपा के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रदेश के मतदाताओं को कैसे जागरूक करना है ? सिंधिया हमेशा से ही प्रदेश में राजनीति के धुरंधर नेता माने जाते हैं और भाजपा में इन दिनों सिंधिया का कद बढ़ता ही चला जा रहा है पहले गृह मंत्री अमित शाह का ग्वालियर स्थित जयविलास महल में पहुंचना इसके पश्चात कुछ दिन पूर्व प्रधानमंत्री मोदी के भोपाल दौरे पर प्रधानमंत्री से नजदीकी और वापसी में प्रधानमंत्री मोदी के साथ उन्ही के विमान में दिल्ली जाना,लगातार गृह मंत्री अमित शाह से नजदीकी और हाल ही में देश की महामहिम राष्ट्रपति मुर्मू का ग्वालियर स्थित जयविलास महल में पहुंच कर भोजन करना प्रदेश के सभी दिग्गज नेताओं से अच्छा तालमेल और उनका सम्मान करना मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के साथ कदम से कदम मिलाकर प्रदेश में विकास कार्य को लेकर चर्चा करना ये सब देखकर तो मानो ऐसा ही लग रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा कांग्रेस के खिलाफ महाराज सिंधिया के ऊपर दांव खेल सकती है और सिंधिया तो कांग्रेस पार्टी से ताल्लुक रख चुके हैं तो भलीभांति जानते हैं की कांग्रेस के खिलाफ क्या रणनीति चुनाव प्रचार के दौरान अपनाई जाए लेकिन भाजपा के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री नरेन्द्रसिंह तोमर को मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों की दृष्टि से भाजपा की चुनाव प्रबंध समिति का प्रमुख नियुक्त किया गया है तो अब भाजपा सिंधिया पर क्या बड़ा दाँव खेलेगी,यह आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जाएगा है।