मप्र गौण खनिज अधिनियम की उड़ रही है धज्जियाँ
सिंगोली(माधवीराजे)।इन दिनों सिंगोली क्षेत्र में प्रशासनिक संरक्षण में रेत माफिया का आतंक चल रहा है और सिंगोली अंचल में कुकुरमुत्ते की तरह लगे बालू रेत के स्टॉक मध्यप्रदेश गौण खनिज अधिनियम की जमकर धज्जियाँ उड़ा रहे हैं जिसके चलते रेत माफिया द्वारा मनमाने रूपए वसूल कर भवन निर्माणकर्ताओं के साथ खुलकर लूटपाट की जा रही है।सूत्रों के अनुसार प्रति रेत के डम्पर पर स्थानीय प्रशासन को एक मोटी रकम बन्दी के रूप में मिल रही है इसलिए प्रशासन आँखें मूँदकर बैठा हुआ है जबकि मध्यप्रदेश गौण खनिज विक्रय के लाइसेंस यहाँ अधिकांश रेत विक्रेताओं के पास नहीं है और पड़ौसी प्रान्त राजस्थान से सिंगोली क्षेत्र में बे रोक टोक रेत के अनगिनत डम्परों की आवाजाही प्रतिदिन हो रही है।प्राप्त जानकारी के मुताबिक अकेले सिंगोली शहर में ही नीमच रोड़,बेगूँ सड़क मार्ग,तिलस्वां सड़क मार्ग और कोटा सड़क मार्ग के किनारे खुलेआम रेत के स्टॉक लगाकर भवन निर्माणकर्ताओं का भावनात्मक भयादोहन करके एक ट्रैक्टर ट्रॉली के मनमाने रूपये वसूल करके आर्थिक शोषण कर रहे हैं।सिंगोली में एक पखवाड़े पहले एक ट्रैक्टर ट्रॉली रेत के दाम 3500 रूपये लिए जा रहे थे वहीं पिछले सप्ताह 4000 रूपये ले रहे थे लेकिन इन दिनों एक ट्रैक्टर ट्रॉली रेत के दाम 5000 रूपये वसूले जा रहे हैं जिसके चलते अपने आशियाने का सपना बना रहे कई गरीब लोगों ने अपने भवन निर्माण का काम बन्द करवा दिया है।स्थानीय प्रशासन को बन्दी के रूप में एक मोटी रकम दिए जाने के कारण सिंगोली में रेत माफिया के हौंसले इतने बुलंद हो रहे हैं कि जहाँ से सस्ते दामों पर रेत मिल रही है उन ट्रैक्टर ट्रॉली को सिंगोली शहर में प्रवेश नहीं करने दिया जाता है और यदि किसी तरह ऐसा न्यूनतम दाम पर रेत आपूर्ति करने वाली ट्रैक्टर ट्रॉली शहर में प्रवेश करने की कोशिश करती है तो रेत माफिया और बन्दी वाली प्रशासनिक साँठगाँठ से ऐसे ट्रैक्टर ट्रॉली को स्थानीय प्रशासन द्वारा पकड़कर जब्त करवा दिया जाता है।इसलिए इन हालातों में सार्वजनिक हित को दृष्टिगत रखते हुए जिला प्रशासन को हस्तक्षेप करके सिंगोली शहर में कुकुरमुत्तों की तरह लगे बालू रेत के स्टॉक के लायसेंस की जाँच पड़ताल कर मध्यप्रदेश गौण खनिज अधिनियम के तहत कार्यवाही करते हुए बिना रॉयल्टी एकत्रित की गई बालू रेत को जब्त की जानी चाहिए अथवा रेत के दामों पर अंकुश लगाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए वरना गरीब लोगों का अपना आशियाना बनाने का ख्वाब कभी पूरा नहीं हो सकेगा।