भ्रष्टाचार के दलदल में डूबा हुआ है मंडी प्रशासन
नीमच(विशेष प्रतिनिधि)।मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे भारत में प्रसिद्ध नीमच की कृषि उपज मंडी में किसानों का आए दिन किसी न किसी तरह से शोषण किया जा रहा है और तो और अपनी कड़ी मेहनत से फसल तैयार कर किसान जब नीमच की मंडी में अपनी उपज बेचने आते हैं तो उन्हें न केवल कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है बल्कि कई बार उनके साथ मारपीट तक की जाती है।अभी तक किसानों के साथ मारपीट के ऐसे कई मामले उजागर हो चुके हैं लेकिन शोषण का शिकार होने और पिटने के बाद भी भोलेभाले ग्रामीण किसानों को अब तक न्याय नहीं मिला है।किसानों के लिए नीमच मंडी की सबसे बड़ी समस्या आढ़त प्रथा है जो पूरे मध्यप्रदेश में बन्द है लेकिन सभी जिम्मेदारों की मिलीभगत से नीमच मंडी में आढ़त प्रथा बे रोक टोक जारी है।सरकारी तौर पर पूरे मध्यप्रदेश में आढ़त प्रथा बन्द है किंतु नीमच मंडी में यह बेखौफ जारी है जबकि मंडी सचिव कहते हैं कि आढ़त नहीं होती है और सच्चाई यह है कि आढ़त प्रथा का पैसा तक सभी कर्मचारियों में बंटता है।कृषि उपज मंडी के सचिव सहित पूरा मंडी प्रशासन भ्रष्टाचार के दलदल में इस कदर डूबा हुआ है कि किसानों के साथ आए दिन हो रहे शोषण और दुर्व्यवहार के चलते आँखें मूँदकर गलत बयानबाजी करते हैं कि मंडी में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है जबकि इसके विपरीत भोलेभाले ग्रामीण किसानों को आढ़त प्रथा का शिकार बनाया जा रहा है।जानकारी प्राप्त हुई है कि बीती 09 मई 2024 गुरुवार को ही कृषि उपज मंडी में ग्रामीण किसान के साथ मंडी कर्मचारियों के द्वारा जमकर हंगामा खड़ा करते हुए उसके साथ मारपीट की गई।इस तरह खुद मंडी कर्मचारी ही अपनी हदें पार करते हुए नीमच मंडी को बदनाम करने पर तुले हुए हैं जबकि नीमच की कृषि उपज मंडी पूरे देश में अपना एक उच्च स्थान रखती है क्योंकि इस मंडी में विक्रय के लिए इतनी उपज आती है कि शायद ही किसी अन्य मंडी में इतनी अधिक उपज आती होगी।विगत दिनों सोशल मीडिया पर नीमच मंडी में आने वाली विभिन्न प्रकार की कृषि उपज को लेकर एक वीडियो वायरल हुआ था - यह नीमच मंडी है,यहाँ सब कुछ बिकता है।यह नीमच के लिए बड़े गर्व की बात है लेकिन अपनी विशिष्ट पहचान बना चुकी नीमच मंडी पर समय-समय पर तरह-तरह के दाग लगते रहे हैं जो मंडी में व्याप्त हो रहे भ्रष्टाचार के साथ ही सम्बंधित और जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही बरतने की आदत को उजागर कर रहे हैं।मामले में जिला प्रशासन को भी हस्तक्षेप करके किसानों के हित में मंडी में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाकर ग्रामीण किसानों की शोषण से रक्षा करते हुए मंडी में किसानों के लिए भयमुक्त वातावरण बनाया जाना चाहिए ताकि किसान अपनी स्वयं की इच्छा से अपनी उपज को सार्वजनिक बोली लगाकर किसी भी व्यापारी को बेचकर अपनी उपज-विक्रय का उचित मूल्य प्राप्त कर सके अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब किसान नीमच मंडी में आढ़त प्रथा के शोषण सहित अन्य कई समस्याओं से परेशान होकर नीमच मंडी से कन्नी काट लेगा तो इसका नीमच के बाजार पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा इसलिए समय रहते किसानों के हित में प्रशासन को अब सचेत हो जाना चाहिए ताकि किसान भी निर्भय होकर अपना काम कर सके और मंडी प्रशासन पर लग रहे भ्रष्टाचार के बदनुमा दाग को भी मिटाया जा सके।