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नया शिक्षा-सत्र 1 जुलाई से शुरू करने की माँग 

 टीचर्स एसोसिएशन ने डीपीआई को लिखा पत्र 

सिंगोली(माधवीराजे)।मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 2024 में ऐसा पहली बार हुआ है जिसमें शिक्षकों के लिए ग्रीष्मावकाश 1 मई से 31 मई तक कुल एक महीने का ही दिया गया है जबकि विद्यार्थियों के लिए ग्रीष्मावकाश की अवधि 15 जून तक रखी गई है जिससे शिक्षकों को एक महीने का ही ग्रीष्मावकाश मिल रहा है वहीं इंदौर-उज्जैन सम्भाग में लोकसभा चुनाव का मतदान 13 मई को होने के कारण शिक्षकों का मई माह का आधा महीना तो चुनाव के काम में ही बीत गया ऐसे में मूल रूप से शिक्षकों को ग्रीष्मावकाश का लाभ केवल 15 दिनों का ही मिल रहा है जबकि वर्तमान में भीषण गर्मी का दौर चल रहा है और इसी दौर में नौ तपा के बीच शिक्षकों को 1 जून से स्कूल पहुँचना होगा लेकिन जून महीने में भी भीषण गर्मी का यह दौर बना रहेगा।ऐसे हालातों में भीषण गर्मी के दौर को देखते हुए शिक्षकों और विद्यार्थियों दोनों के लिए 1 जुलाई से स्कूल शुरू करने की माँग शिक्षक संगठनों द्वारा की गई है।इस सम्बंध में मध्यप्रदेश ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन ने डीपीआई को पत्र लिखा है।एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डीके सिंगौर के अनुसार एक समय ऐसा था जब शिक्षकों और विद्यार्थियों दोनों को पूरे दो महीने तक ग्रीष्मावकाश का लाभ मिलता था फिर इसे घटाकर डेढ़ माह किया गया और अब इस साल तो शिक्षकों को केवल एक माह ही ग्रीष्मावकाश का लाभ दिया जा रहा है उसमें से भी शिक्षकों का मई माह का आधा महीना तो चुनावी कार्य में ही बीत गया इसके साथ ही वर्तमान में भीषण गर्मी का दौर चल रहा है इसलिए इन हालातों को दृष्टिगत रखते हुए 1 जुलाई से नया शिक्षा-सत्र शुरू करने की शासन से माँग की जा रही है।उल्लेखनीय है कि अप्रैल में भी कई जगहों पर सुबह स्कूल लगाने की नौबत आई थी और जून में बच्चे स्कूल कैसे आ सकेंगे।एसोसिएशन के प्रदेश मीडिया प्रभारी इरफान मंसूरी ने कहा कि मध्यप्रदेश में मई-जून का महीना भीषण गर्मी का रहता है जिसकी वजह से अध्ययन और अध्यापन कार्य सम्भव नहीं हो पाता है।नौनिहाल इस भीषण गर्मी में स्कूल आने से कतराते हैं और इस वर्ष लोकसभा चुनाव के चलते भी शिक्षकों ने अवकाश के दौरान चुनाव कार्य में ड्यूटी दी है।श्री मंसूरी ने बताया कि 15 अप्रैल के बाद पूरा प्रदेश जब गर्मी से झुलसने लगा तब अप्रैल माह में अधिकांश जिलों में जिला कलेक्टर के आदेश पर स्कूल सुबह की पाली में संचालित होने लगे थे और इस दौरान भी गिनती के दस फीसदी से ज्यादा बच्चे स्कूल नहीं आए।मई महीने में जब पूरे प्रदेश का तापमान 44 से 45 डिग्री सेल्सियस हो गया है और जून में भी मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक भीषण गर्मी का यह दौर जारी रहेगा तो कौन माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजेंगे ?इन परिस्थितियों के मद्देनजर 1 जुलाई से स्कूल शुरू करने के लिए ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन ने लोक शिक्षण संचालनालय को पत्र लिखकर शिक्षक एवं विद्यार्थी हित में निर्णय लेने की माँग की है।

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