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भगवान दत्तात्रेय जयंती को लेकर हुवे 2 दिवासिय आयोजन,निकला चल समारोह

नीमच। इस वर्ष 14 दिसंबर शनिवार को दत्त पूर्णिमा मनाई गई है। दत्त पूर्णिमा को भगवान दत्तात्रेय पूर्णिमा या दत्ता पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है जो कि मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा तिथि पर मनाई जाती है। इस पूर्णिमा पर जिन दत्तात्रेय की पूजा-अर्चना की जाती है वो कोई और नहीं बल्कि त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश के अवतार माने जाते हैं।भगवान दत्तात्रेय की जयंती को लेकर उपनगर नीमच सिटी स्थित प्राचीन शिव शक्ति मठ के महंत गुरुदेव भास्करानंद गिरी महाराज के सानिध्य में निरंतर परम्परानुसार इस वर्ष भी भगवान दत्तात्रेय की जयंती दो दिवसीय आयोजनो के साथ मनाई गई।सागर मंथन इसी क्रम में प्रथम दिन 14 दिसंबर शनिवार को देर शाम से मध्य रात्रि तक भजन संध्या का आयोजन किया गया।वही दूसरे दिन 15 दिसंबर रविवार को प्रातःकाल में हवन,पूजन के बाद साधु संतो के निर्देशन में भगवान दत्तात्रेय की सुन्दर झांकी के साथ शोभायात्रा नीमच सिटी के प्रमुख मार्गो से निकाली गई।शिव शक्ति मठ के महंत गुरुदेव भास्करानंद गिरी महाराज ने सागर मंथन को जानकारी देते हुवे बताया कि प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी नीमच सिटी स्थित श्री शिव शंकर मठ से साधु संतों के सानिध्य में भगवान दत्तात्रेय जयंती मनाई गई है इस वर्ष यह 27 वा आयोजन है जिसको लेकर चल समारोह का आयोजन भी किया गया है इस चल समारोह में जिले के संत महात्मा शामिल हुए है।भगवान दत्तात्रेय जी का नगर भ्रमण के बाद महाआरती कर भक्तो के लिए भंडारे का आयोजन किया गया।इसके साथ ही दो दिवासिय आयोजनो का समापन किया गया।

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