अधर में लटक रही है जनकल्याणकारी योजनाएँ
सिंगोली। भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश सरकार जहाँ एक तरफ भ्रष्टाचार रहित और पारदर्शी तरीके से काम करने के दावे कर रही हैं वहीं दूसरी ओर लोगों के हित में लागू की गई जनकल्याणकारी योजनाएँ किस तरह से लापरवाही की शिकार होकर अधर में लटक रही है इसका एक मामला सामने आया है जिसमें पीएम आवास योजना की किश्त सवा साल बीत जाने के बाद भी हितग्राहियों को नहीं मिली है जिससे अपने आशियाने का सपना भी अधूरा ही रहता प्रतीत हो रहा है लेकिन जिम्मेदार बिल्कुल भी गम्भीर नहीं हैं।सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नगर परिषद सिंगोली के वार्ड नं.11 में निवासरत एक हितग्राही का चयन प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत किया गया था और उसे पहली किश्त के रूप में 1 लाख रुपये 20 जून 2020 को प्राप्त हुए थे जिनसे सम्बंधित हितग्राही द्वारा अपने मकान के ढांचे का निर्माण करा लिया गया लेकिन सवा साल से भी ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद मकान निर्माण पूर्ण करने के लिए दूसरी किश्त अभी तक भी हितग्राही को नहीं मिल सकी है जिससे न तो मकान की छत का काम पूरा हो सका और न ही मकान निर्माण के अगले चरण का काम शुरू किया जा सका।सिंगोली कस्बे में पीएम आवास योजना के निर्माण में किश्त जमा नहीं होने का यह एक मामला नहीं बल्कि ऐसे और भी हितग्राहियों के प्रकरण हैं जो लम्बे समय से अगली किश्त का इंतजार कर रहे हैं लेकिन नगर परिषद कार्यालय और इंजीनियर द्वारा सन्तोषप्रद जवाब नहीं देते हुए कहा जाता है कि हमारे हाथ में कुछ नहीं सब भोपाल से होता है जिससे हितग्राहियों में निराशा व्याप्त है वहीं पीएम आवास योजना में चयनित हितग्राहियों से किश्त जमा करने के लिए नगर परिषद के कतिपय कर्मचारियों द्वारा अवैध रूप से वसूली करने की शिकायतें भी लगातार मिल रही है लेकिन अभी तक न तो हितग्राहियों को रुकी हुई शेष राशि की किश्त मिल रही है और न ही किसी ईमानदार अधिकारी द्वारा इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है जिसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है हितग्राहियों को।यह तो केवल पीएम आवास योजना के हितग्राहियों का मुद्दा है ऐसे और भी कई मामले हैं जिनमें भ्रष्टाचार की बू आ रही है।इसलिए जनहित में कार्यवाही करके जनकल्याणकारी योजनाओं का समय पर लाभ दिलाने की दिशा में कदम उठाए जाने चाहिए।