सिंगोली।2020 से फैल रही महामारी के बीच स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक व्यवस्था के कई गड़बड़झाले सामने आए हैं लेकिन फिर भी उन घटनाओं से किसी भी प्रकार का सबक नहीं लेकर पुनः स्वास्थ्य विभाग अपने पुराने ढर्रे पर चलता प्रतीत हो रहा है जिसका नमूना यहाँ 27 अक्टूबर को सामने आया है जिसमें बिना किसी सेम्पल के ही लोगों के मोबाईल फोन पर सन्देश भेजे जाने सम्बन्धी स्वास्थ्य विभाग का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है।प्राप्त जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग का यह फर्जीवाड़ा 27 अक्टूबर बुधवार को उस समय उजागर हुआ जब कोरोना की जाँच के लिए बगैर कोई सेम्पल दिए ही सिंगोली निवासी निखिल रजनाती के मोबाईल फोन पर रेपीड एंटीजन कलेक्ट करने सम्बन्धी सन्देश दोपहर 12:11 बजे प्राप्त हुआ जिसमें सुबह 11:56 बजे सेम्पल लिए जाने की जानकारी प्रेषित की गई है जबकि उक्त युवक द्वारा कोरोना की जाँच के लिए सेम्पल ही नहीं दिया गया तो फिर माय गवर्नमेंट साईट का दुरुपयोग करके अस्पताल कर्मचारियों द्वारा लोगों को मानसिक रूप से बेवजह परेशान किया जा रहा है जो स्वास्थ्य महकमे के फर्जीवाड़े को उजागर कर रहा है जिसे गम्भीरता से लेकर प्रशासन को तुरन्त ऐसे फर्जीवाड़े के विरुद्ध उचित कार्यवाही करनी चाहिए अन्यथा राह चलते व्यक्ति को ही बगैर सेम्पल लिए पॉजिटिव बताकर या तो क्वारन्टीन कर दिया जाएगा अथवा उसे पॉजिटिव मानकर कोरोना के इलाज के लिए मजबूर किया जाएगा तो समझा जा सकता है कि हालात कैसे होंगे।युवक ने इस बात के लिए भी स्वास्थ्य विभाग को चुनौती दी है कि वे यह साबित करें कि आज अस्पताल गया और उसने सेम्पल दिया अथवा अपने गलत सन्देश को स्वीकार करते हुए ऐसे झूठे सन्देश को सरकारी रिकॉर्ड से हटाएँ अन्यथा कानूनी कार्यवाही के लिए तैयार रहें।युवक ने कलेक्टर मयंक अग्रवाल से भी निवेदन किया है कि मामले में हस्तक्षेप कर वास्तविक स्थिति की जाँच कराएँ वरन ऐसी झूठी कार्यवाही किसी के लिए भी जानलेवा साबित हो सकती है।