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16 वर्ष पूर्ण होने पर भी अध्यापकों को नहीं मिल रही क्रमोन्नति 

नीमच। म. प्र. में अध्यापक कर्मचारियों को पूर्व में 7 वर्ष उपरांत पदोन्नति दिये जाने का प्रावधान तय किया था व साथ ही प्रत्येक अध्यापक को 12 वर्ष की सेवा अवधि पर क्रमोन्नत किया जाता था लेकिन म. प्र. में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से पिछले 4 साल में भी क्रमोन्नति का निराकरण नहीं हो पाया।अध्यापक संवर्ग  के शिक्षक 2006 के पात्र क्रमोन्नति का इंतजार कर रहे अध्यापक  सेवा नियमावली में निहित थी कि 12 वर्ष,24 वर्ष व 30 वर्ष की सेवा अवधि पर प्रत्येक अध्यापक क्रमोन्नति हेतु पात्रता रखेगें लेकिन म. प्र.शासन ने 2018 के पश्चात से अध्यापकों के लिये बनाये गये नये केडर (राज्य शिक्षा सेवा)में सम्मिलित अध्यापकों की क्रमोन्नति को लेकर जिम्मैदार अधिकारी आज दिनांक तक किसी प्रकार का समाधान नहीं निकाल पाये जबकि 2006 से नियुक्त अध्यापकों की आज सेवा अवधि लगभग 15 वर्ष हो चुकी है लेकिन उनकी आज दिनांक तक क्रमोन्नति लम्बित हैं।आजाद अध्यापक संघ के प्रांतीय प्रवक्ता विनोद राठोर ने शासन के जिम्मेदार अधिकारियों से मांग की है कि अध्यापक संवर्ग में सम्मिलित अध्यापकों की लम्बित क्रमोन्नति तुरंत लागू करते हुए उचित लाभ कर्मचारियों को दिया जाये जिससे कि अध्यापक संवर्ग (जो कि अब राज्य शिक्षा सेवा में सम्मिलित है) को शासन के नियमों के तहत उचित लाभ मिल पाये।आजाद अध्यापक संघ म प्र यह मांग करता है कि जब शासन ने अपनी नियमावली में कर्मचारियों के हितार्थ निर्णय पूर्व में ही ले लिये है तो आखिर क्यों शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अपने ही विभाग के अधिनस्थ कर्मचारियों का आर्थिक शोषण करने पर आमदा हैं जिससे कि कर्मचारियों में सरकार के प्रति रोष व्याप्त हो रहा है।यदि समय रहते उचित निराकरण नहीं किया गया तो संगठन प्रांताध्यक्ष शिल्पी शिवान के नैतृत्व में आंदोलन हेतु मैदानी स्तर पर संघर्ष करने के लिए अगली योजना बनाने पर तैयारी करेगा।

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