तहसीलदार ने दूसरी बार जारी किया आदेश
सिंगोली।इन दिनों सिंगोली का राजस्व महकमा अपने कारनामों को लेकर पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त होने और विभागीय अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने का रिकॉर्ड बनाने पर तुला हुआ है जिससे समूचा प्रशासनिक खेमा भी सवालों के घेरे में आ गया है जो अपने ही तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के समक्ष असहाय महसूस करने लगा है।उल्लेखनीय है कि सिंगोली में राजस्वकर्मियों की मिलीभगत से शासकीय जमीनों पर अतिक्रमण करने के मामले परत दर परत खुलते ही जा रहे हैं लेकिन मध्यप्रदेश शासन की बेशकीमती जमीनों को अवैध कब्जों से मुक्त कराने की दिशा में अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है जिससे अतिक्रमणकर्ताओं के हौंसले बुलंद हो रहे हैं।अभी हाल ही सिंगोली कस्बे से लगी हुई करोड़ों रुपये की बहुचर्चित शासकीय जमीन से अतिक्रमण का मामला उजागर हुआ है जिसमें सक्षम अधिकारी द्वारा दो महीने पहले आदेश जारी किए जाने के बाद भी सिंगोली वृत्त के राजस्व निरीक्षक सुरेश निर्वाण एवं मौजा पटवारी द्वारा अपने कर्त्तव्य का निर्वहन नहीं किए जाने से तहसीलदार सिंगोली द्वारा दो महीने बाद इसी मामले में दूसरी बार आदेश जारी किए गए हैं।मामला भू सर्वे नम्बर 262 में स्थित 5 हैक्टेयर से ज्यादा भूमि का है जिसमें 09 नवम्बर 2021को अपने हस्ताक्षर और तहसील कार्यालय की पद मुद्रा से तहसीलदार द्वारा राजस्व निरीक्षक एवं मौजा पटवारी को दूसरी बार जारी किए गए आदेश में न केवल 7 दिवस में अतिक्रमण हटाने बल्कि इस सम्बंध में दो महीने पूर्व 13 सितम्बर को जारी किए गए पहले आदेश के पालन में किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं किए जाने का उल्लेख भी किया गया है।ज्ञातव्य है कि सिंगोली कस्बे की सीमा से लगी हुई सर्वे नम्बर 262 की 5.560 हैक्टेयर की शासकीय भूमि पर 8 लोगों ने अवैध रूप से कब्जे करके कुछ ने बाड़े बना लिए तो कुछ लोगों द्वारा कच्चे व पक्के निर्माण भी कर दिए गए हैं और यह सब कुछ किया गया है राजस्व निरीक्षक और मौजा पटवारी के संरक्षण में।इसी वजह से तहसीलदार के आदेश के बावजूद भी इस सर्वे नम्बर की बेशकीमती जमीन से आरआई व पटवारी द्वारा सरकारी जमीन से अतिक्रमण नहीं हटाए गए हैं।अब सभी की नजर तहसीलदार के दूसरे आदेश पर टिकी हुई है जिसमें अतिक्रमण हटाने के लिए 7 दिन का समय दिया गया है जिसमें से 6 दिन बीत चुके हैं लेकिन सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने की दिशा एवं विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की पालना में कोई कार्यवाही नहीं की गई है वहीं आदेशानुसार कर्तव्यों के निर्वहन की आखिरी मियाद भी 16 नवम्बर मंगलवार को पूरी हो जाएगी।