नीमच। बिरसा मुंडा की जयंती पर बीते कल जहां मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री द्वारा आदिवासी सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। वही नीमच के वार्ड नंबर 13 में आदिवासियों को जमीन से बेदखल करने की कार्यवाही सड़क निर्माण ठेकेदारों एवं नगर पालिका द्वारा की जा रही है ठेकेदारों द्वारा सड़क निर्माण को लेकर आदिवासियों को प्रताड़ित कर स्थान खाली करने के लिए डराया धमकाया जा रहा है जिसको लेकर एक आदिवासी कैलाश पिता रमेश भील उम्र 45 वर्ष ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या का प्रयास भी किया जिसे जिला अस्पताल भर्ती कराया गया है जहाँ उसका उपचार चल रहा है। वही बेदखल की कार्रवाई से प्रताड़ित होकर रह वासियों ने कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन भी सौंपा और बेदखल की कार्रवाई को स्थगित करने की मांग की गई। उक्त मामले में ममता भील,रेखा भील,दुर्गेश भील,गोविंद वाल्मीकि भीम आर्मी सदस्य ने बताया कि वे लोग नीमच ग्रीन बेल्ट में विगत 20 वर्षों से अधिक समय से रह रहे हैं पूर्व में नगर पालिका द्वारा ग्रीन बेल्ट की जमीन से उन्हें बेदखल किया गया था उसी के पश्चात वार्ड नंबर 13 में उन्हें नगर पालिका एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा स्थापित किया गया परंतु विगत कुछ समय से सड़क निर्माण ठेकेदार एवं नगर पालिका द्वारा उन्हें उक्त स्थान से बेदखल करने के लिए नोटिस भेजे जा रहे हैं और प्रताड़ित किया जा रहा है साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि उक्त स्थान को खाली नहीं किया गया तो बुलडोजर फिर कर सभी झोपड़े तोड़ दिए जाएंगे और पुलिस कार्यवाही भी की जाएगी जिसको लेकर मंगलवार को उक्त स्थान पर निवासरत आदिवासी कैलाश पिता रमेश भील उम्र 45 वर्ष ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या करने का प्रयास भी किया जिसे तत्काल जिला चिकित्सालय भर्ती किया गया है जहां उसका उपचार चल रहा है। आदिवासी समाज के लोगों ने कलेक्टर को इस मामले में ज्ञापन सौंपकर बेदखल की कार्यवाही रुकवाने और राहत प्रदान करने की मांग की है। उक्त स्थान पर निवासरत लोगों द्वारा बताया गया कि डॉ सिद्दीकी द्वारा अवैध रूप से जमीन पर कब्जा किया गया है उन पर तो नगरपालिका एवं ठेकेदारों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है परंतु हम लोग नीचे तत्व के होकर गरीब लोग हैं और आदिवासी बाहुल्य के हैं इसलिए हमारे ऊपर बेदखल की कार्यवाही की जा रही है