दबंग आईएएस डॉ.अगनानी ने हटाया था अतिक्रमण
सिंगोली।जब जब भी भूमि सम्बन्धी विवाद गहराए तब राजस्व विभाग की गड़बड़ियाँ उजागर हुई और इसी कारण सिंगोली के राजस्व महकमे द्वारा सरकारी रिकॉर्ड के दस्तावेजों में मनमाने तरीके से की गई प्रविष्टियाँ आए दिन भूमि सम्बन्धी विवादों का कारण बन रही है जिसकी वजह से न्यायालयों में सिंगोली क्षैत्र के भूमि सम्बन्धी मुकदमों में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी हुई है और जिसका नतीजा यह निकला कि भूमि स्वामी को अपनी भूमि की सुरक्षा को लेकर अंततः माननीय न्यायालय की शरण लेनी पड़ी यह बताना इसलिए जरूरी था क्योंकि यह घटनाक्रम घटित हुआ सिंगोली राजस्व निरीक्षक वृत्त सँख्या 1 में स्थित सिंगोली कस्बे की सर्वे नम्बर 441 की जमीन के सम्बन्ध में जिसका कोई ऐसा पहलू है जिसे छिपाया जा रहा है क्योंकि बगैर भूमि स्वामी को अवगत कराते हुए राजस्व विभाग द्वारा इस सर्वे नम्बर के बटांकन करके 441/1 में निजी भूमि स्वामी का नाम दर्ज किया वहीं स्कूल की भूमि की प्रविष्टि 441/3 में दर्ज कर दी जो कहीं न कहीं सन्देहास्पद थी जिसका फायदा उठाकर लोगों ने अतिक्रमण करने का प्रयास किया था लेकिन ऐसे लोगों के मंसूबों पर उस समय पानी फिर गया जब अविभाजित मन्दसौर जिले के उपखण्ड कार्यालय नीमच में पदस्थ अनुविभागीय अधिकारी के रूप में 1993 बैच के मध्यप्रदेश कैडर के दबंग छवि के माने जाने वाले आईएएस अफसर डॉक्टर मनोहर अगनानी ने सब फर्जी चीजों को नकारते हुए 1995-96 में स्कूल मैदान में स्वयं दो घण्टे तक खड़े रहकर तिलस्वां सड़क मार्ग की ओर स्थित स्कूल की जमीन से अतिक्रमण हटवाया था लेकिन फिर हुआ वही जो अक्सर भूमि विवादों में होता रहा है कि यह प्रकरण भी न्यायालय में चला गया और परीक्षण न्यायालय में फैसला स्कूल के पक्ष में आया तो उसके विरुद्ध प्रतिवादी द्वारा अपीलीय न्यायालय फास्ट ट्रैक कोर्ट में प्रस्तुत की गई अपील में फैसला स्कूल के खिलाफ रहा तो स्कूल ने अपनी जमीन बचाने के लिए माननीय उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश की खण्डपीठ इंदौर में न्याय की गुहार लगाई और 2004 से ही यह प्रकरण यहाँ प्रचलित है जिसमें प्राचार्य शासकीय बालक उ.मा.वि.सिंगोली के साथ ही कलेक्टर महोदय जिला नीमच,अनुविभागीय अधिकारी जावद,तहसीलदार सिंगोली एवं मुख्य नपा अधिकारी सिंगोली भी याचिका में पक्षकार हैं जिसमें 441/1 में स्थित 0.42 आरी रकबे का विवाद है लेकिन इस विवाद की आड़ में स्कूल की दूसरी खुली पड़ी जमीन का दुरूपयोग किया जा रहा था जिस पर कार्यवाही करते हुए तहसीलदार सिंगोली ने 26 अप्रैल 2022 को वादग्रस्त भूमि और स्कूल की गैर विवादित जमीन को चिन्हित किया जिसकी स्कूल प्रशासन लम्बे समय से माँग कर रहा था लेकिन उच्च न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण की वादग्रस्त जमीन पर बनी स्कूल की पुरानी वालबाउंड्री तोड़ने के मामले में चुप्पी साधे स्थानीय प्रशासन ने कोई जवाब नहीं दिया लेकिन तहसीलदार ने वादग्रस्त जमीन से लगी हुई भूमि पर गुमटीनुमा कच्चे निर्माण को सड़क की सीमा में होना बता दिया जिससे स्कूल का इस विवाद से पीछा छूट गया क्योंकि सड़क सीमा की जमीन का दायित्व स्कूल का नहीं प्रशासन का है कि वह सड़क सीमा की भूमि पर अतिक्रमण करवाए अथवा हटवाए।उल्लेखनीय है कि समूचे घटनाक्रम को लेकर सिंगोली कस्बे में कई दिनों से इस भूमि के मामले में एक बड़े लेनदेन की चर्चाएँ चल रही है।