विचारधारा पर भारी पड़ रही है व्यक्तिगत निष्ठा
सिंगोली।सिंगोली में होने जा रहे नगरीय निकाय चुनावों के इन दिनों अलग ही रंग ढंग दिखाई दे रहे हैं जिन्हें लेकर यहाँ ऐसे लोगों की कुछ ज्यादा ही चर्चा हो रही है जो भाजपाई होकर कांग्रेस के प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार करने उतर गए हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेसी भी भला कहाँ पीछे रहने वाले थे इसलिए वे भी भाजपा के प्रत्याशियों के पक्ष में समर्थन जुटाने का काम करने लगे हैं जिसके चलते दोनों विचारधारा वाली पार्टियों पर नेताओं की व्यक्तिगत निष्ठा ज्यादा भारी पड़ रही है।कहते हैं कि स्थानीय चुनावों में पार्टी या राजनीतिक दलों को नहीं देखा जाता बल्कि प्रत्याशी को प्राथमिकता दी जाती है और शायद सिंगोली कस्बे के भाजपा-कांग्रेस दोनों पार्टियों के कुछ कार्यकर्ता एवं नेता इसी बात को चरितार्थ करते दिखाई दे रहे हैं जो सिंगोली कस्बे के मतदाताओं के लिए भी चर्चा का विषय बन गया है।बहरहाल इन चुनावों में ऐसा कोई पहली बार नहीं हो रहा है बल्कि पिछले कुछ चुनावों से दोनों ही राजनीतिक दलों में अपनी ही पार्टी में भीतरघात करने की परम्परा जो चल पड़ी है बस कुछ नेताओं द्वारा तो इन्हीं परम्पराओं का निर्वाह किया जा रहा है जिन्होंने चोला तो किसी और राजनीतिक दल का ओढ़ रखा है लेकिन समर्थन एवं वोट का काम किसी और के लिए कर रहे हैं जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिर ऐसे लोग कब तक मतदाताओं के सामने मासूम होने का खेल खेलते रहेंगे जबकि अब तो सब कुछ उजागर होने लगा है क्योंकि राजनीतिक दल विशेष की विचारधारा से सम्बद्ध होने के बावजूद नगरीय निकाय चुनावों में अपनी ही विचारधारा के उलट कोई निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक चुका है तो कोई ऐसे निर्दलीय उम्मीदवारों के प्रचार प्रसार में लगा हुआ है जिसके चलते भारतीय जनता पार्टी ने तो सिंगोली के कतिपय भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करके 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासन करके साफ तौर पर सन्देश दे दिया है वहीं कांग्रेस पार्टी में अब तक न तो शिकवा शिकायत की जानकारी मिली और न ही किसी तरह की संगठनात्मक कार्यवाही की गई लेकिन इंतजार तो कांग्रेस में भी बड़ी बेसब्री से चल रहा है जो अपनी ही पार्टी के घोषित उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव प्रचार कर पार्टी का बंटाढार करने में लगे हुए हैं।बहरहाल नेताओं की इस मतलबपरस्ती को सिंगोली की आम जनता देख भी रही है और समझ भी रही है।