मतदाताओं के मौन ने साँसत में डाला प्रत्याशियों को
सिंगोली।मध्यप्रदेश में हो रहे नगरीय निकाय चुनावों के दूसरे और अन्तिम चरण के तहत 13 जुलाई बुधवार को होने वाले मतदान के मद्देनजर प्रत्याशियों द्वारा किए जा रहे चुनाव प्रचार का शोर चुनाव आयोग के निर्देशों के मुताबिक कल 11 जुलाई की शाम को थम जाएगा जिसके चलते जनसम्पर्क पर ज्यादा जोर देते हुए अभी से प्रत्याशियों द्वारा मतदाताओं के घर घर जाकर दस्तक दिया जाना शुरू कर दिया गया है लेकिन फिलहाल तो मतदाताओं के मौन ने प्रत्याशियों को साँसत में डाल रखा है।ज्ञातव्य है कि मध्यप्रदेश में इस साल हो रहे नगरीय निकाय चुनावों में नगर निगम को छोड़कर सभी नगरपालिकाओं और नगर परिषदों के अध्यक्ष का चुनाव आम मतदाताओं द्वारा सीधे सीधे नहीं किया जाकर वार्डों के पार्षद करेंगे इस प्रकार अप्रत्यक्ष रूप से अध्यक्ष का निर्वाचन होने के कारण शुरूआत में चुनावी माहौल में नीरसता दिखाई दे रही थी लेकिन ज्यों ज्यों मतदान की तारीख नजदीक आती गई चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के चुनाव प्रचार ने गति पकड़ी तो दूसरी ओर मतदाताओं की उत्सुकता भी बढ़ती गई क्योंकि अध्यक्ष के निर्वाचन के लिए पहली प्राथमिकता वार्ड से पार्षद पद का चुनाव जीतना है जिससे पार्षदों के चुनाव की अहमियत भी बढ़ गई है इस कारण अब सिंगोली नगर परिषद के सभी 15 वार्डों में चुनावी मैदान में उतरे उम्मीदवार भी पार्षद के रूप में नगर परिषद में पहुँचने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं क्योंकि यहाँ अध्यक्ष का पद अनारक्षित होने की वजह से इनमें से कई तो अध्यक्ष पद पर आसीन होने के सपने संजो रहे हैं तो कुछ अध्यक्ष के निर्वाचन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का काम करेंगे इसलिए चुनावी रण में उतरे सभी उम्मीदवारों के कुछ न कुछ ख्वाब जरूर हैं जिन्हें पूरा करने की दिशा में वे किसी तरह की कमी नहीं रखना चाहते हैं लेकिन 13 जुलाई को मतदाता ईवीएम मशीन में अपनी पसन्द का बटन दबाकर किसे विजयश्री का आशीर्वाद देंगे इसका खुलासा तो 20 जुलाई को होने वाली मतगणना के बाद ही हो सकेगा लेकिन इस समय तो सभी उम्मीदवारों द्वारा चाहे वे भाजपा के हों या कांग्रेस के या फिर निर्दलीय हों चुनाव जीतने के लिए तरह तरह के दाँवपेंच खेले जा रहे हैं और वार्ड के मतदाताओं को येनकेन प्रकार से अपने अपने पक्ष में करने के लिए कोशिशें की जा रही है जबकि मतदाताओं का मौन प्रत्याशियों को साँसत में डाल रहा है।