जीत से ज्यादा होंगे हार के चर्चे
सिंगोली।नगरीय निकाय चुनावों के दूसरे चरण में सिंगोली में 13 जुलाई बुधवार को सम्पन्न हुए मतदान के साथ ही चुनावी व्यवहार भी बदल गया है।जी हाँ यही सच्चाई है जो सिंगोली कस्बे के लोग देख भी रहे हैं और महसूस भी कर रहे हैं क्योंकि मतदान से ठीक पहले जो प्रत्याशी मतदाताओं के पैर पकड़ रहे थे अब वे ही उन मतदाताओं को शंका की दृष्टि से देख रहे हैं कि इन्होंने हमें वोट दिया या नहीं ऐसी स्थितियों में अनुमान लगाया जा रहा है कि 20 जुलाई को होने वाली मतगणना के बाद सभी 15 वार्डों में प्रत्याशियों की जीत की अपेक्षा हार के चर्चे ज्यादा होंगे।नेताओं के इसी चरित्र के कारण मतदाता भी नगदी वितरण समारोह के लिए मजबूर करते हैं।अभी तो चुनावों के नतीजे आने बाकी हैं लेकिन नतीजों से पहले ही नेताओं का चरित्र उजागर होने लगा है।चुनावी राजनीति और नेताओं के इस तरह के चरित्र से आम जनता भी परिचित हो गई है कि एक बार काम निकलने के बाद व्यक्ति वापस मुड़कर भी नहीं देखते हैं यही कहावत चरितार्थ हो रही है इन दिनों सिंगोली कस्बे में।सामान्य और आम मतदाता को छोड़िये ये तो हर चुनाव में हर बार छले ही जाते रहे हैं लेकिन नेताओं की ऐसी कार्यशैली से उन कार्यकर्ताओं के दिल को भी ठेस लगती प्रतीत हो रही है जिन्होंने निजी व्यवहार के चलते प्रत्याशियों को वोट दिलवाने के लिए कितने ही पापड़ बेले हैं और प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी की आँखों में खटकते रहे लेकिन नगरीय निकाय के रण में डटे रहे कतिपय प्रत्याशियों के तेवर पूरी तरह से बदल गए हैं क्योंकि अब जब चुनाव निबट गए हैं तो सरकार बदले बदले से नजर आने लगे हैं जबकि अभी तो चुनावों के परिणाम घोषित होने शेष हैं।