नीमच।म.प्र. के कर्मचारियों को 31 से 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने की घोषणा सितंबर 2022 के वेतन से माननीय मुख्यमंत्री द्वारा की गई है,मुख्यमंत्री जी द्वारा केंद्रीय दर के बराबर महंगाई भत्ता किया गया है उसका स्वागत है लेकिन केंद्रीय तिथि जनवरी 2022 से यह महंगाई भत्ता न देकर राज्य के 7.50 लाख कर्मचारियों को एरियर भुगतान से वंचित कर दिया है।मध्यप्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों को केंद्रीय तिथि और केंद्रीय दर से महंगाई भत्ता दे ताकि प्रदेश के कर्मचारी बढ़ती हुई महंगाई का सामना कर सकें।महंगाई भत्ता महंगाई का सामना करने के लिए महंगाई की वृद्धि को देखते हुए दिया जाता है।जिस प्रकार केंद्र सरकार के कर्मचारियों जो महंगाई भत्ता व महंगाई राहत दी जाती है,ठीक उसी प्रकार से राज्य सरकार द्वारा अपने कर्मचारी एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों को केंद्रीय दर केंद्रीय तिथि से महंगाई भत्ता देना चाहिए था।सरकार द्वारा 625 करोड का भार आने की बात बताई गई है लेकिन सरकार द्वारा केंद्रीय तिथि जनवरी 2022 से 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता न देकर लगभग 700 करोड़ बचाये हैं,यह बात भी जनता के समक्ष सरकार को बताना चाहिये या फिर जो डीए रोक कर रखा था उसका एरियर कब देंगे माननीय मुख्यमंत्रीजी स्पष्ट करते तो और अच्छी बात होती।क्या 3 प्रतिशत डीए का भुगतान जनवरी 2022 से देंगे भी या केवल वाहवाही लूटने का ही काम करेंगे और कर्मचारियों में रुके हुए 3 प्रतिशत डीए 7 महीने देरी से बिना किसी एरियर्स के मिलने पर किस बात की खुशी मनाई जाये,कर्मचारी हताश होकर मन मसोसकर बेठा हैं।यह बात कहते हुए आजाद अध्यापक संघ म प्र के प्रदेश महासचिव विनोद राठोर ने मांग की है कि माननीय मुख्यमंत्री महोदय उक्त डीए जनवरी 2022 से लागू करवाते हुए कर्मचारियों की लम्बित क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान भी स्नेहपूर्वक लागू करें।