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प्रदेश के 1 लाख 65 हजार शिक्षकों को क्रमोन्नति नहीं मिलने से आक्रोश 

नीमच।मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग के आला अधिकारी वर्ग पिछले 4 साल से प्रयासरत है कि पदोन्नति की एवज में मिलने वाली क्रमोन्नति किस तरह से दी जाये।कई सालों बाद भी कोई रास्ता आज तक नहीं निकाल पाये या यह समझा जाए कि प्रदेश के 1 लाख 65 हजार शिक्षकों की क्रमोन्नति के प्रकरणों को लम्बित रखकर सरकार की छवि धूमिल करने पर तुले हुए हैं और सरकार के प्रतिनिधियों से ज्ञापनों के माध्यम से सैकड़ों बार अवगत करवाने के पश्चात भी आजतक कोई उचित समाधान नहीं निकल पाया है।कहीं न कहीं सरकारी अफसर ही सरकार के साथ सरकार को विपक्ष की भूमिका में भेजने की तैयारी मे लग रहे हैं। आजाद अध्यापक संघ के प्रदेश महासचिव विनोद राठोर ने बताया कि प्रदेश में पदोन्नति के अभाव में 1 लाख 65 हजार शिक्षक क्रमोन्नति की प्रतीक्षा में है।पिछले 4 वर्ष से पदाधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं किए जाने के कारण कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है।पहले ही प्रदेश के समस्त विभागों के कर्मचारी वर्ग पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे पर म.प्र. शासन की चुप्पी के कारण नाराज है क्योंकि राजस्थान,छत्तीसगढ पंजाब,झारखंड व देश के छोटे छोटे राज्यों द्वारा अपने कर्मियों पुरानी पेंशन बहाल की गई है लेकिन म प्र.में डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी कर्मचारियों के हितों के मामले  गति नहीं पकड़ पा रहे हैं।इन मुद्दों पर प्रदेश का कर्मचारी वर्ग चिंतित हैं।आजाद अध्यापक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष समरथगिर गोस्वामी द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी व शासन के जिम्मेदारों से यह मांग की गई है कि प्रदेश में लम्बित क्रमोन्नति का निराकरण त्वरित रुप से किया जावे व म प्र में भी पुरानी पेंशन लागू की जाए तथा कर्मचारी हित के मुद्दों पर सरकार को सकारात्मक रूख रखते हुए त्वरित निर्णय लेना चाहिये क्योंकि कर्मचारी वर्ग  अपनी जिम्मेदारी पूर्ण ईमानदारी के साथ निभाते हुए प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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