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प्रसूता महिला से डिलेवरी के नाम पर पैसे लेने पर नर्सो के खिलाफ कार्यवाही, एक निलंबित ,तो दो का किया ट्रांसफर  

मनासा ।  नगर के सरकारी अस्पताल में प्रसूता महिला से डिलेवरी के नाम पर पैसे लेने वाली 3 नर्सो के खिलाफ सीएचएमओ ने कार्रवाई करते हुए 1 नर्स को निलंबित किया वही 2 का मनासा से स्थानांतरण करने की कार्रवाई की । नर्सो के खिलाफ हुई कार्रवाई से नर्सिंग स्टाफ और अस्पताल में हड़कंप मच गया। 
    नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर  9 अगस्त को आत्रिमाता निवासी शारदा बाई पति शंभूलाल धनगर को परिजन डिलेवरी के लिए लेकर आए थे। यहां पर नर्सिंग स्टाफ द्वारा डिलेवरी कराने के नाम पर 1200 रुपए लिए थे। बाद में प्रसूता महिला के देवर के  स्वास्थ्य विभाग मन्दसौर में पदस्थ होने की जानकारी मिलने पर 1200 रुपए वापस लौटाए और लिखित में दिया। जिस पर तीनों नर्सो के हस्ताक्षर थे। इसकी शिकायत एसडीएम पवन बारिया को की गई। एसडीएम ने अस्पताल पहुचकर प्रसूता महिलाओं से चर्चा की थी। एसडीएम को प्रसूता महिलाओं ने बताया कि नर्से उनसे डिलेवरी कराने और बच्चे की देखभाल के नाम पर पैसे ले रही है। इसकी लिखित शिकायत भी की गई। एसडीएम के निर्देश पर  बीएमओ डॉ बी भायल ने नोटिस देकर जवाब मांगा था। इस मामले में कार्रवाई नही होने को लेकर प्रसूता के परिजन ने मनासा प्रवास पर आई जिले की प्रभारी मंत्री उषा ठाकुर को भी शिकायत की थी। शिकायत के बाद सोमवार को सीएचएमओ ने एक्शन लेते हुए नर्स संतोष बैरागी बहुउद्देश्यी कार्यकर्ता को निलंबित कर दिया। निलंबन के दौरान मुख्यालय सिविल रामपुरा रहेगा। इसी मामले  प्रिदर्शनिय रामावत नर्सिंग आफिसर और सुशीला मर्सकोले के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मनासा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से एक को रामपुरा और एक को कुकड़ेश्वर सिविल अस्पताल ट्रांसफर किया। अब सवाल यह है कि डिलेवरी के नाम पर तीनों नर्सो ने रिश्वत ली तो फिर एक को निलंबित और दो का ट्रांसफर ये कैसी कार्रवाई है। सीएमएचओ की इस कार्रवाई को लेकर नगर में चर्चा का विषय बना हुआ। इस मामले में एसडीएम पवन बारिया ने बताया कि सीएचएमओ द्वारा प्रसूता महिला से डिलेवरी के नाम से पैसे लेने वाली नर्सो के खिलाफ कार्रवाई की गई है। एक को निलंबित किया। वही दो को अन्य जगह ट्रांसफर करने की कार्रवाई की गई।

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