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अभिभाषक के विरुद्ध कैंट पुलिस द्वारा किये अपराध कायमी का खात्मा करने की मांग,अभिभाषक संघ ने सौंपा ज्ञापन 


नीमच। महेन्द्र उपाध्याय। विगत दिनों वकील और पक्षकारों के बीच न्यायालय परिसर में हुई मारपीट के मामले में कैंट पुलिस द्वारा अभिभाषक के विरूद्ध की गई अपराध कायमी की वैधानिक जांच कर अपराध का खात्मा करने की मांग को लेकर मंगलवार को अभिभाषक संघ ने एसपी सूरज कुमार वर्मा को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें बताया गया की अभिभाषक संघ नीमच के सदस्य होकर न्यायालय अधिकारी हैं।अभिभाषक वर्ग जो कि न्यायालय का अधिकारी है,व खुले मैदान में अपनी टेबल कुर्सी लगाकर अपना व्यवसाय करते है तथा पीडित पक्षकार को उचित दिशा निर्देश देने एवं न्यायालय में पैरवी कर पिडित को न्याय दिलाने का कार्य करते हैं।न्यायालय प्रागंण में सभी प्रकार के आचरण युक्त व्यक्ति पक्षकार के रूप में आते हैं तथा कुछ समय से अभिभाषक वर्ग के साथ कई प्रकार की घटना घटित हो चुकी है।इसी प्रकार दिनांक 16 सितम्बर को प्रदीप भारतीया एडवोकेट की टेबल पर पक्षकार द्वारा विवाद किया गया,तब काफी समझाने के बाद भी वह नहीं माना ओर अन्य लोगो को साथ में लाकर श्री भारतीया के साथ गाली-गलौच व मारपीट करने पर आमादा होते हुए कालर पकड़कर मारपीट करने लगा एवं जाति सूचक शब्दों से भी अपमानित करने लगा तब बिच बचाव कर श्री भारतीया को बचाया गया एवं श्री भारतीया द्वारा तत्काल थाना नीमच केन्ट पर रिपोर्ट की गई जिस पर अपराध क्रमांक 506/22 धास 323,294.506 / 34 भादवि व जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम की धारा 3(1) द3 (1) घ 3 (2) अन्तर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया।उसके उपरान्त अभिभाषक वर्ग के जानकारी हुई कि उक्त घटना करने वाले दोषी द्वारा कोई तथाकथित असत्य आवेदन सोच समझकर टाईप करवाकर दिया है,जिस पर पुलिस थाना नीमच केन्ट पर बगैर कोई जाच किये उक्त असल्य आवेदन पर अभिभाषक प्रदीप भारतीया के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया है.इसी प्रकार नीमचसिटी थाने पर भी सघ के सदस्य के विरुद्ध अपराध कायम किया जिसके बाद घटना में लिप्त नहीं होने के सबूत भी दिये गए,किन्तु अभी तक कोई उचित कार्यवाही नहीं हुई है, जिसके परिणाम स्वरूप अभिभाषक वर्ग में काफी रोष होकर अभिभाषक संघ ने मांग की है कि उक्त असत्य आवेदन की उचित निष्पक्ष जाच की जाकर अभिभाषक के विरुद्ध किये पंजीबद्ध अपराध का खात्मा किया जाए। अन्यथा अभिभाषक वर्ग को प्रदेश स्तर पर सम्पर्क कर उचित कार्यवाही हेतु अग्रसर होना पड़ेगा।।

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