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आरई और पटवारी ने उड़ाई आईएएस के आदेश की धज्जियाँ

मामला सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने का 

सिंगोली।सिंगोली तहसील के अंतर्गत इन दिनों राजस्व महकमे के कारनामों की आए दिन अब परतें खुलती जा रही हैं जिसके चलते एक ऐसा मामला उजागर हुआ है जिसमें सिंगोली राजस्व वृत्त के राजस्व निरीक्षक और मौजा पटवारी ने एक आईएएस अफसर के आदेश की भी धज्जियाँ उड़ा दी है।मामला मध्यप्रदेश सरकार की बेशकीमती शासकीय जमीन से अतिक्रमण हटाने का बताया जा रहा है।विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सिंगोली कस्बा क्षेत्र से जुड़ी हुई ग्राम तुरकिया की शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 262/1/मिन 1 रकबा 5.560 हैक्टेयर सरकारी भूमि से जुड़ा हुआ है जिसमें भूमाफिया से जुड़े कतिपय लोगों द्वारा अतिक्रमण करना सिद्ध पाए जाने पर अनुविभागीय अधिकारी जावद के प्रकरण क्र.134/बी-121/2016-17 में पारित आदेश दिनांक 29-5-2018 के अनुसार व ग्राम तुरकिया पटवारी प्रतिवेदन,पंचनामा एवं नजरी नक्शा अनुसार ग्राम तुरकिया की शासकीय भूमि सर्वे क्र. 262/1/मिन 1 रकबा 5.560 हैक्टेयर पर अनावेदकगणों शौकीन पिता प्यारचंद मेहता,मुबारिक पिता गुलाबखां,चम्पालाल पिता रामचन्द्र राठौर,सज्जोबी पति रईस मुसलमान,रामलाल पिता मोड़ीराम धाकड़,सन्तोषदेवी पति रामलाल धाकड़,सम्पतबाई पति रामचन्द्र तेली सभी निवासी सिंगोली सहित पारस पिता तेजमल जैन निवासी धनगांव द्वारा पृथक-पृथक बाड़ा/मकान बनाकर अतिक्रमण किया जाना सिद्ध है।इस सम्बंध में कार्यालय तहसीलदार तहसील सिंगोली जिला नीमच के पत्र क्रमांक 7209/री/2020 सिंगोली दिनांक 13/09/2021 द्वारा प्रभारी तहसीलदार सिंगोली एवं आईएएस अफसर हिमांशु जैन के हस्ताक्षर से राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी को जारी किए गए आदेशानुसार 03 दिन में भू माफिया का अतिक्रमण हटाने एवं अतिक्रमण हटाकर प्रतिवेदन 7 दिवस में प्रस्तुत करना सुनिश्चित करने हेतु आदेशित किया गया था लेकिन पूरे एक माह 17 दिन बीत जाने के बाद भी तृतीय श्रेणी वर्ग के दो कर्मचारियों ने भारतीय मुद्रा के सामने एक भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के आदेश को धता बताते हुए अभी तक भी सरकार की बेशकीमती जमीन को भूमाफिया के चंगुल से मुक्त नहीं करवाया जिसके चलते अतिक्रमणकर्ताओं के हौंसले बुलंद हो रहे हैं और धड़ल्ले से अवैध रूप से निर्माण किए जा रहे हैं जिससे ऐसे कर्मचारियों की विभागीय निष्ठा भी संदिग्ध प्रतीत हो रही है और करोड़ों की सरकारी जमीन भी भू माफिया के कब्जे में ही जाती हुई दिखाई दे रही है।उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश सरकार के राजस्व महकमे से हजारों रुपये महीने की मोटी तनख्वाह पाने वाले ऐसे भ्रष्ट कर्मचारी न केवल एक आईएएस अफसर के आदेश की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं बल्कि समूचे प्रशासन की कार्यप्रणाली की भी पोल खोल रहे हैं।स्थानीय लोगों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है कि सरकार के खजाने से वेतन प्राप्त करने और अपने ओहदे का दुरुपयोग कर भू माफिया से सांठगांठ करने वाले ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो सिंगोली कस्बे की एक इंच भी सरकारी जमीन मौके पर नहीं मिलने वाली है और जब ऐसे कर्मचारियों की निष्ठा सरकार व अपने ही विभाग के लिए नहीं रही तो उन्हें अपने पद पर रहने व रखने की कोई नैतिकता बची ही नहीं है।

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