नीमच। सरकार द्वारा आशा उषा सहयोगीयों का 1000 एवं 500 रु कोविड राशि बंद करने के विरोध में आशा उषा सहयोगी संयुक्त मोर्चा द्वारा शनिवार को सीटू के बैनर तले कलेक्टर कार्यालय परिसर स्थित हनुमान मंदिर पर धरना देकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई साथ ही मिशन संचालक के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर प्रतिनिधि को सौंपा गया जिसमें बताया गया कि कोविड-19 के संक्रमण के दौरान आशा शहरी आशा एवं सहयोगियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया और कई आशाओं ने जान भी गवाई,मध्य प्रदेश में आशा एवं सहयोगीयों के काम को सभी ने सराहा,देशभर में तमाम राज्य सरकारें आशा एवं सहयोगीयों को अतिरिक्त वेतन दे रही है लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि मध्य प्रदेश की आशाओं को राज्य सरकार कुछ भी नहीं दे रही है जिसके चलते आशाओं की स्थिति बेहद दयनीय बन चुकी है वर्तमान में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा कोविड-19 अभियान के लिए आशा एवं सहयोगीयों को दिए जा रहे 1000 एवं 500 रु की राशि को बंद कर दिया गया है एनएचएम कि यह कार्यवाही बेहद अन्याय पूर्ण है मध्य प्रदेश में जहां आशाओं को बेहद अल्प वेतन मिल रहा है यह अत्यंत घातक है एक तरफ सरकार एवं विभाग के अभियानों को पूरा करने के लिए कोविड-19 वेक्सीनेशन एवं इससे संबंधित सर्वे के काम में सुबह 7:00 बजे से लेकर रात्रि 10:00 बजे तक आशा शहरी आशा एवं सहयोगीयों द्वारा काम किया जा रहा है ठीक उसी समय राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा दिए जा रहे इस अल्प राशि को भी बंद करने का यह कदम आशा शहरी आशा एवं सहयोगियों के साथ बेहद अन्याय पूर्ण कार्रवाई है आशा उषा सहयोगी ने ज्ञापन में मांग की है कि सरकार द्वारा कोविड-19 की राशि 1000 एवं 500 का भुगतान बंद किए जाने के निर्णय को वापस लिया जाए, इसके अतिरिक्त आशा शहरी आशा एवं सहयोगियों के वेतन वृद्धि के संबंध में तुरंत निर्णय लिया जाए आशा एवं सहयोग द्वारा जनवरी 21 से किए गए कोविड-19 की सभी ड्यूटीयो का पूरा भुगतान अविलंब किया जाए।