logo

सिंगोली की प्रदूषित ब्राह्मणी नदी को है संरक्षण की दरकार

 

 

सिंगोली (निखिल रजनाती) ।इस साल अब तक हुई बढ़िया बारिश के कारण पानी की अच्छी आवक के चलते सिंगोली की ब्राह्मणी नदी लबालब होकर इन दिनों 40 साल पुरानी यादें ताजा कर रही है क्योंकि जिस तरह से पानी की लगातार हो रही आवक से नदी में पानी का बहाव जारी है और पिछले दिनों हुई बरसात के कारण खेतों में अगली फसल के लिए उपयोग किए जाने वाले पानी की बचत हो गई।वर्तमान में पानी से लबालब होने की वजह से नदी का पानी वर्तमान में उसी स्थिति को बयाँ कर रहा है जो आज से ठीक चार दशक पूर्व में थी लेकिन उन दिनों की सबसे खास बात यह थी कि नालियों का गन्दा पानी नदी में नहीं मिलता था जिसके चलते नदी के पानी का उस समय न केवल पेयजल के रूप में उपयोग होता था बल्कि घरों और बड़ी रसोइयों में भी दाल बनाने के लिए नदी के पानी का उपयोग किया जाता था क्योंकि उन दिनों यहाँ प्रैशर कुकर नहीं थे और दाल नदी के पानी में ही अच्छी घुटती थी लेकिन अब नदी के हालात बदतर हो गए हैं।सिंगोली एक सौभाग्यशाली कस्बा है जिसे स्थायी जलस्रोत के रूप में नदी की प्राकृतिक धरोहर विरासत में मिली है जिसके संरक्षण की दरकार है क्योंकि ब्राह्मणी नदी में मिल रहा नगर की नालियों का गन्दा पानी नदी के शुद्ध जल में लगातार विष घोल रहा है जबकि नदी के शुद्धिकरण के मद्देनजर नालियों के गन्दे पानी की निकासी के लिए सीवरेज सिस्टम लागू करने हेतु लाखों रुपए खर्च किए गए लेकिन उचित क्रियान्वयन के अभाव में योजना फलीभूत नहीं हो सकी और नदी में मिल रहे गन्दे पानी को नदी में गिरने से नहीं रोका जा सका जिसके चलते ब्राह्मणी नदी के जल को प्रदूषण से मुक्ति नहीं मिल सकी और इसी वजह से करोड़ों रुपए की लागत से निर्मित मुख्यमंत्री पेयजल आवर्धन योजना का लाभ भी सिंगोली की आम जनता को नहीं मिल सका लेकिन अब भी कुछ नहीं बिगड़ा है यदि इस प्रकृति प्रदत्त विरासत को न केवल बचाना है बल्कि इसका समुचित संरक्षण भी करना है तो फिर जरूरत है जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के ईमानदार प्रयासों की जिनमें नदी का गहरीकरण एवं शुद्धिकरण दोनों काम करने आवश्यक है जिससे आगामी 50 सालों तक यह सुरक्षित रह सके इसके लिए जिम्मेदारों को इस बात की गम्भीरता समझने की जरूरत है।

 

Top