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अमानवीय शोषण के खिलाफ आशा उषा एवं पर्यवेक्षको का हल्ला बोल,7 दिवसीय प्रदेश व्यापी हड़ताल के अंतिम दिन सोपा ज्ञापन

नीमच। अपनी विभिन्न मांगों के निराकरण और अमानवीय शोषण के खिलाफ आशा उषा एवं पर्यवेक्षकों द्वारा 14 से 19 नवंबर तक प्रदेश व्यापी हड़ताल की जा रही है जिसको लेकर हड़ताल के अंतिम दिन शनिवार को जिला मुख्यालय पर आशा उषा सहयोगी संयुक्त मोर्चा द्वारा कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर विरोध प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री के नाम 15 सूत्रीय मांग पत्र डिफ्टी कलेक्टर को सौंपा जिसमें बताया गया कि प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन नियुक्त आशा एवं पर्यवेक्षक स्वास्थ्य विभाग में प्रमुख मैदानी कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही है पूरे देश में मातृ एवं शिशु मृत्यु को रोकने के लिए विभाग के अभियानों को कठिन परिस्थितियों में भी संचालित करने ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने महामारी से निपटने में आशाओं की भूमिका रही है लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि मध्य प्रदेश की अधिकांश आशाएं मात्र 2 हजार के अल्प वेतन में अपना गुजारा करने में विवश है जबकि आंध्र प्रदेश में 8 हजार मिलाकर आशा को 10 हजार का मानदेय दिया जाता है इसी प्रकार तेलंगाना और केरल में भी आशाओं को अधिक मानदेय प्राप्त होता है लेकिन मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आशा एवं पर्यवेक्षकों के लिए अपनी ओर से विगत 15 वर्षों से कोई भी राहत प्रदान नहीं की गई है ज्ञापन में मांग की गई है कि आशा को 10 हजार एवं पर्यवेक्षकों को 15 हजार वेतन सुनिश्चित किया जाए,आशा उषा प्रेवक्षको को कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया जाए, आशाओं के प्रोत्साहन राशि में अनुचित कटौती को रोका जाए,आशाओं द्वारा किए गए सर्वे सहित सभी कार्यों का बकाया प्रोत्साहन राशि का भुगतान तत्काल प्रभाव से किया जाए, प्रत्येक माह की 5 तारीख को आशा एवं पर्यवेक्षकों का भुगतान किया जाए,आशाओं के लिए निर्धारित कार्य के अलावा अन्य कोई भी कार्य नहीं दिया जाए, आशा एवं पर्यवेक्षकों को वास्तविक यात्रा व्यय का भुगतान किया जाए,आशा एवं पर्यवेक्षकों को पेंशन एवं सेवानिवृत्ति का लाभ दिया जाए, ड्यूटी के दौरान आशा कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए,पीओ एस एच कानून लागू किया जाए और शिकायतों पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए,स्वास्थ्य के लिए सकल घरेलू उत्पाद का 6% राशि आवंटन की जाए, श्रम सही ताऊ को वापस लिया जाए आशा एवं पर्यवेक्षकों को श्रम कानून के दायरे में शामिल किया जाए जैसी मांगे शामिल की गई थी। इस दौरान आशा कार्यकर्ता लीला सोनी कमला गोस्वामी कला सेन सविता नागर सरोज बैरागी पर्यवेक्षक भावना शर्मा अंगुरबाला अहीर रेखा राठौर सुमित्रा शर्मा अध्यक्ष कृष्णा कांटे सचिव रेखा व्यास अनीता अहीर एवं कांता अहीर सहित बड़ी संख्या में आशा उषा और पर्यवेक्षक मौजूद रहे।

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