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दिल्ली की दीवारों पर जेएनयू संगठन द्वारा ब्राह्मणों के खिलाफ लिखे गए स्लोगन के विरोध में राष्ट्रीय परशुराम सेना ने फूंका पुतला,जिले के ब्राह्मण परिवार के साथ मारपीट के विरोध में सौंपा ज्ञापन

नीमच। जेएनयू संगठन द्वारा दिल्ली की दीवारों पर ब्राह्मणों के खिलाफ किए गए दीवार लेखन के विरोध में राष्ट्रीय परशुराम सेना जिला इकाई द्वारा स्थानीय भारतमाता चौराहे पर जेएनयू का पुतला दहन कर जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया साथ ही जिले के मनासा तहसील अंतर्गत आने वाले ग्राम खानखेड़ी में सरपंच द्वारा ब्राह्मण परिवार के साथ मारपीट के विरोध में राष्ट्रीय परशुराम सेना द्वारा 2 अलग अलग ज्ञापन भी सौंपे जिसमे पहले ज्ञापन में बताया गया कि ब्राह्मण समाज सदैव अनुशासित शांतिप्रिय देश एवं सर्व धर्म व समाज हितेषी रहा है ब्राह्मण समाज द्वारा किसी भी प्रकार की व्यवस्था नहीं फैलाई गई जबकि वर्तमान समय में देश में लगातार जातिवाद और धर्म वाद के आधार पर फूट डालो शासन करो वाली स्थिति पुनः निर्मित की जा रही है। देशद्रोही इस देश के अंदर रहकर उनके आकाओं के फरमान का पालन कर रहे हैं ऐसी घटनाओं को मूर्त रूप दे रहे हैं जेएनयू की घटना हो या पूर्व में विदित अन्य घटनाएं चाहे वह देश विरोधी हो या धर्म विरोधी या जाति विरोधी यह सब एक सोची समझी साजिश है जो भारत में व्यवस्था एवं विद्रोह की स्थिति उत्पन्न करने के लिए की जा रही है इस प्रकार की घटना समस्त ब्राह्मण समाज में आक्रोश उत्पन्न कर रही है ज्ञापन में बताया गया कि जेएनयू द्वारा दिल्ली की दीवारों पर ब्राह्मणों के खिलाफ दीवार लेखन किया गया है ऐसे अपराधियों की पहचान कर उन्हें शीघ्र गिरफ्तार किया जाए, जेएनयू की घटना के आरोपियों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाए, अपराधियों की पहचान शीघ्र सार्वजनिक की जाए,घटना को गंभीरता से लेकर तुरंत उचित जांच एवं कार्रवाई की जाए,ब्राह्मणों की सुरक्षा सरकार द्वारा सुनिश्चित की जाए, भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो जेएनयू की कड़ी निगरानी की जाए, देश में एक देश एक अपराध एक कानून की व्यवस्था लागू की जाए, जेएनयू यूनिवर्सिटी जो देश जोड़ने की अपेक्षा देश को बांटने पर तुला हुआ है ऐसे संस्था के विरुद्ध कार्रवाई कर तत्काल प्रभाव से उसे बंद किया जाए।वही दूसरे ज्ञापन में बताया गया कि मनासा तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम खनखेड़ी निवासी ओमप्रकाश पिता भेरुलाल नागदा एवं पुष्कर पिता ओमप्रकाश नागदा के साथ दिनांक 2 दिसंबर को गांव के सरपंच एवं उनके करीबी 10 से 12 साथियों राजनीतिक द्वेषता के चलते जबरन मारपीट करते हुए उपरोक्त ब्राह्मण परिवार को घायल कर दिया,पीड़ित परिवार द्वारा उपरोक्त मामले में 10 से 12 लोगों के खिलाफ थाने में शिकायत की गई थी परंतु कुकड़ेश्वर पुलिस द्वारा आरोपियों की संख्या कम करते हुए मात्र 5 लोगों के खिलाफ मारपीट की धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है जिससे समाज जनों में गंभीर आक्रोश है ब्राह्मण परिवार के साथ मारपीट करने वालों में सरपंच स्वयं शामिल है जो राजनीतिक प्रभाव का व्यक्ति है जिसने धन एवं ताकत के बल पर कुकड़ेश्वर थाने में मेल मिलाप करते हुए जबरन क्रॉस कायमी करावाई है। उक्त प्रकार की कार्यशैली में पुलिस कुकड़ेश्वर की लापरवाही स्पष्ट प्रदर्शित होती है ज्ञापन में मांग की गई है कि उपरोक्त मामले में निष्पक्ष जांच करते हुए मौके पर मौजूद सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए साथ ही चेतावनी दी गई है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की जाती है तो ब्राह्मण समाज उग्र आंदोलन पर मजबूर होगा। उपरोक्त विरोध प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रीय परशुराम सेना के नूतन द्विवेदी बाबूलाल नागदा कुलवंत तिवारी परसराम शर्मा अनिल व्यास दिनेश पवन रावत पुष्कर नागदा सहित बड़ी संख्या में ब्राह्मण समाज के सदस्य मौजूद रहे।

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