नीमच। आशा एवं पर्यवेक्षकों के बकाया राशियों के भुगतान किए बिना हड़ताल के दिनों का वेतन और प्रोत्साहन राशि काटे जाने पर रोक एवं काटी गई राशि वापस दिए जाने की मांग को लेकर गुरुवार को आशा उषा आशा सहयोगी संयुक्त मोर्चा ने सीएमएचओ को ज्ञापन सौंपा है जिसमें बताया गया कि आशा एवं पर्यवेक्षकों को दिए जा रहे अल्प वेतन में से 14 से 19 नवंबर के दौरान की गई हड़ताल के दिनों के प्रोत्साहन राशि की कटौती की जा रही है अन्य राज्यों में आशाओं को 10 हजार का मानदेय दिया जा रहा है जिसमें 8 हजार राज्य सरकार की ओर से दी जा रही है लेकिन मध्य प्रदेश सरकार आशाओं को अपनी ओर से कुछ भी नहीं दे रही है प्रदेश सरकार द्वारा मात्र 2 हजार मासिक वेतन देकर सरकार आशाओं का मानवीय शोषण कर रही है इस अमानवीय शोषण के खिलाफ आशा एवं पर्यवेक्षकों का लगातार प्रदर्शन जारी है इसी कड़ी में आशा उषा सहयोगी संयुक्त मोर्चा द्वारा 14 से 19 नवंबर तक प्रदेश व्यापी हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया था। हड़ताल के बावजूद भी सरकार द्वारा कोई ठोस निर्णय आशा एवं पर्यवेक्षकों के लिए नहीं लिए गए। ज्ञापन में बताया गया कि आशाओं की प्रोत्साहन राशि की हजारों रुपए की बकाया राशि अब भी विभाग के पास जमा है उसका भुगतान किए बिना हड़ताल के दिनों का प्रोत्साहन राशि की कटौती रोकी जाए एवं प्रोत्साहन राशि वापस दी जाए।