नीमच। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण,नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देषानुसार शनिवार को जिला मुख्यालय नीमच एवं तहसील मुख्यालय मनासा, रामपुरा तथा जावद पर नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला मुख्यालय नीमच पर 08 खण्डपीठो,तहसील मुख्यालय मनासा पर 03 खण्डपीठो एवं मुख्यालय रामपुरा पर 01 खण्डपीठ तथा तहसील मुख्यालय जावद पर 04 खण्डपीठों, इस प्रकार जिला नीमच में कुल 16 खण्डपीठों का गठन किया गया था। शनिवार को लोक अदालत के शुभारंभ अवसर पर प्रधान एवं जिला न्यायाधीश राजवर्धन गुप्ता कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश अखिलेश शुक्ला विशेष न्यायाधीश विवेक कुमार श्रीवास्तव विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव संजय जैन अधिवक्ता संघ अध्यक्ष विनोद शर्मा एवं न्यायिक कर्मचारियों की उपस्थिति में हुआ।नेशनल लोक अदालत में प्रीलिटिगेशन एवं न्यायालय में लंबित प्रकरणों को निराकरण हेतु रखा गया।जिसमें प्री लिटिगेशन चेक अनादर के मामले,बैंक ऋण वसूली के मामले,श्रम विवाद के मामले, बिजली एवं पानी बिल पर राजीनामा योग्य विवाद के मामले ,भरण पोषण के मामले ,अन्य अपराधिक राजीनामा योग्य वैवाहिक एवं अन्य सिविल विवाद न्यायालय में लंबित प्रकरण अपराधिक राजीनामा योग्य, मामले चेक अनादर के मामले,बैंक ऋण वसूली के मामले, मोटर यान दुर्घटना के दावे, श्रम विभाग के मामले, बिजली एवं पानी बिल के राजीनामा योग्य विवाद के मामले वैवाहिक विवाद विवाह विच्छेद को छोड़कर,भूमि अधिग्रहण के मामले, सेवा संबंधी प्रकरण वेतन भत्ते एवं सेवानिवृत्त लाभ के अंतर्गत ,राजस्व मामले केवल जिला न्यायालय एवं उच्च न्यायालय में लंबित प्रकरण, अन्य सिविल प्रकरण किराया सुखाधिकार निषेधज्ञ विनिदृष्ट अनुतोष के मामले आदि उपरोक्त श्रेणी के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में से इस नेशनल लोक अदालत में राजीनामा योग्य कुल 2591 प्रकरणों को निराकरण हेतु रखा गया,प्रीलिटिगेशन प्रकरणों के अतंर्गत नगरपालिका/नगरपरिषद्, विद्युत विभाग, बी.एस.एन.एल. और बैंकों के कुल 3048 वसूली संबंधी प्रकरणों को भी निराकरण हेतु रखा शामिल किया गया।लोक अदालत में विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 126 एवं 135 के अतंर्गत लंबित प्रकरणों के निराकरण पर निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू समस्त कृषि, 5 किलोवाट भार तक के गैर घरेलू, 10 अष्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्वपर 30 प्रतिषत एवं आंकलित राषि के भुगतान में चूक किए जाने पर निर्धारण आदेष जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पष्चात् प्रत्येक छःमाही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिषत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राषि पर 100 प्रतिषत की छूट दी गई।म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम,1956 की धारा 162 व 163 तथा म.प्र. नगर पालिका अधिनियम,1961 की धारा 130, 131 तथा 132 में निहित शक्तियों को उपयोग में लाते हुए राज्य शासन एदत्द्वारा सम्पतिकर अधिभार(सरचार्ज) जल उपभोक्ता प्रभार(सरचार्ज) में संपत्ति कर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राशि रूपये 50,000/-(रूपये पचास हजार) तक बकाया होने पर मात्र अधिभार में 100 प्रतिशत तक की छूट।संपत्ति कर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राशि रूपये 50,000/-(रूपये पचास हजार) से अधिक तथा रूपये 1,00,000/- (रूपये एक लाख) तक बकाया होने पर मात्र अधिभार में 50 प्रतिशत तक की छूट।संपत्ति कर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राषि रूपये 1,00,000/-(रूपये एक लाख) से अधिक बकाया होने पर मात्र अधिभार में 25 प्रतिषत तक की छूट।जल उपभोक्ता प्रभार/जलकर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राषि रूपये 10,000/-(रूपये दस हजार) तक बकाया होने पर मात्र अधिभार में 100 प्रतिषत की छूट,जल उपभोक्ता प्रभार/जलकर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राशि रूपये 10,000/-(रूपये दस हजार) से अधिक तथा रूपये 50,000/-(रूपये पचास हजार) तक बकाया होने पर मात्र अधिभार में 75 प्रतिशत की छूट।जल उपभोक्ता प्रभार/जल कर के ऐसे प्रकरण जिनमें कर तथा अधिभार की राशि रूपये 50,000/-(रूपये पचास हजार) से अधिक बकाया होने पर मात्र अधिभार में 50 प्रतिशत तक की छूट।यह छूट मात्र एक बार ही दी जायेगी तथा वर्ष 2019-20 तक की बकाया राशि पर ही देय होगी।छूट उपरान्त राशि अधिकतम दो किश्तों में जमा करायी जावेगी, जिसमें से कम से कम 50 प्रतिशत राशि लोक अदालत के दिन जमा कराई जाना अनिवार्य होगा।नेशनल लोक अदालत में प्रकरण का आपसी राजीनामें द्वारा निराकरण करवाये जाने पर पक्षकारों द्वारा न्यायालयों में जमा की गई न्याय शुल्क को वापस कर दिया जाता है और प्रकरण अंतिम रूप से निराकृत माना जाता है जिसकी कोई अपील, रिवीजन नहीं होती।