नीमच।25-25 प्रकरण प्रत्येक न्यायालय में 3 माह के भीतर निराकृत करने के परिपत्र के संबंध में जिले के अभिभाषक गुरुवार से 3 दिवासिय कार्य से विरत है अभिभाषक संघ अध्यक्ष विनोद शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि उच्च न्यायालय के द्वारा जिला न्यायालय के प्रत्येक न्यायालय में 25-25 प्रकरण 3 माह में निराकृत किए जाने एवं साल भर में कुल 100 प्रकरण उक्त अनुसार निराकृत किए जाने हेतु परिपत्र जारी किया गया है जिसके कारण अधीनस्थ न्यायालयों में प्रति दिन प्रकरण नियत किए जा रहे हैं जिसमें वादी आवेदक परिवादी पक्षकारों को प्रतिदिन न्यायालय द्वारा केस की सुनवाई नियत किए जाने के कारण न्यायालय में एवं वकीलों के पास दौड़ना पड़ रहा है जिससे उनकाअधिवक्ताओं के प्रति रोष बढ़ता जा रहा हैअधिवक्ता गण को एक ही समय में विभिन्न न्यायालयों में प्रकरण में पैरवी हेतु बुलाया जा रहा है जो एक साथ विभिन्न न्यायालयों में पैरवी करना संभव नहीं होने से पक्षकारों को न्याय दान करने में अधिवक्ता असहज महसूस कर रहे हैं न्यायालय में सुनवाई हेतु पक्षकार प्रतिदिन किराया लगा कर न्यायालय में आने में असमर्थता जता रहे हैं एवं न्यायालय में समय ना मिलने के कारण उन्हें न्याय प्राप्ति में बाधा उत्पन्न हो रही है तथा पीड़ित को न्याय से वंचित ना हो इसका ध्यान ना रखा जाने के कारण समान न्याय का सिद्धांत एवं संवैधानिक अधिकार प्रभावित हो रहे हैं न्यायालय को समय की सीमा में बाधा जाकर न्यायालय का बोझ को कम करने के लिए अधीनस्थ न्यायालय पर बनाया गया दबाव पक्षकारों एवं अधिवक्ताओं के हित में नहीं है जिला अभिभाषक संघ ने ज्ञापन में मांग की है कि माननीय महोदय द्वारा लिए गए स्वयं के निर्णय 25-25 प्रकरण प्रत्येक न्यायालय में 3 माह के भीतर निराकृत करने के परिपत्र के संबंधों में पुनर्विचार कर समास्या का निराकरण किया जाए। इसको लेकर पूर्व में भी जिला अभिभाषक संघ द्वारा माननीय उच्च न्यायालय को लिखित पत्र प्रेषित किया गया है और वर्तमान में इंदौर रतलाम सहित अन्य जिलों में भी अभिभाषक अपने अपने स्तर पर विरोध प्रदर्शन व हड़ताल कर रहे हैं इसी कड़ी में नीमच में भी जिला अभिभाषक संघ के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओ ने 23 फरवरी गुरुवार से आगामी 3 दिन तक न्यायालय कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया है।