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कांग्रेस नेता सत्यनारायण पाटीदार का तीखा आरोप

मंत्री सकलेचा जावद विधानसभा की जमीनों के बने दलाल,चुन चुन कर  बेच रहे जमीनें 

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से भेंट कर करतूतों से अवगत कराया

सिंगोली (संवाददाता)। जावद विधानसभा में जनता के हितों की रक्षा करने वाला ही भक्षक बन बैठा है।जनप्रतिनिधि जनता का सेवक होता है लेकिन मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा क्षेत्र की जनता से दुश्मनी निकालते हुए अत्याचार पर अत्याचार करने पर तुले है।जब से शिवराज की सरकार आई है तब से उनके राज में उनके मंत्री,जनप्रतिनिधि किसानों का अपमान करते आ रहे है।सत्ता के नशे में संवैधानिक पद का दुरुपयोग करते हुए स्वयं का स्वार्थ सिद्ध कर रहे है और किसानों,मजदूरों,आदिवासियों व आमजनता पर अत्याचार करने पर तुले है।उक्त गंभीर आरोप जावद के पूर्व जनपद अध्यक्ष व कांग्रेस नेता सत्यनारायण पाटीदार ने मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा पर लगाए है।उन्होंने कहा कि जब से बीजेपी सरकार आई है तब से जावद में हर वर्ग पर अत्याचार हो रहा है,बीते एक वर्ष के भीतर तो मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने किसानों व आम जनता पर अत्याचार करने की अनीति पार कर दी है।इस संबंध में शिवराज सरकार व उसके मंत्री सकलेचा की तानाशाही एवम् बीते दिवस सोमवार की घटना को लेकर सत्यनारायण पाटीदार ने 28 फरवरी मंगलवार को भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से भेंट कर वस्तुस्थिति से अवगत करवाया जिस पर कमलनाथ ने शीघ्र ही इस पर कार्यवाही की बात कही और कहा कि वे शीघ्र ही जावद विधानसभा में पहुंचेंगे।सत्यनारायण पाटीदार ने कहा कि बीते दिवस की घटना ने तो झकझोर कर रख दिया।जिस भी किसान,मजदूर,आमजनता की जमीन होती है उन्हें पता ही नहीं लगने दिया जाता और जमीनें उनसे हथियाली जाती है।ऐसा ही प्रकरण खेड़ा राठौर व सुवाखेडा के किसानो के साथ हुआ।मंत्री सकलेचा ने किसानों को बताए बिना ही 221 हेक्टेयर पर उनकी जमीनों की लीज करवा दी,जब दावे आपत्ति के लिए संबंधित किसानों के पास सूचना पहुंची तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई  कि उनकी जमीनों को हथिया लिया गया है जबकि वास्तविक स्थिति यह की यह है कि मात्र 26 हेक्टेयर जमीन ही शासकीय है बाकी 194 हेक्टेयर जमीन निजी होकर किसानों की जमीन है जिन पर पुश्तों दर पुश्तों से खेती करते आ रहे है।इसकी जानकारी होने के बाद भी मंत्री सकलेचा ने अनीति करते हुए उनकी जमीनें 50 वर्ष के लिए खदानों हेतु लीज पर देने की कार्यवाही कर दी और जब संबंधित किसान गलत निर्णय का विरोध करने मंत्री सकलेचा के पास पहुंचे तो उन्होंने किसानों की बात को अनसुना कर दादागिरी करते हुए एक छूट भैये नेता की तरह किसानों से कहा कि तुम सब तलवे चाटने वाले लोग हों इसके अलावा और भी अभद्र भाषा का प्रयोग किया जिससे वहाँ उपस्थित किसानों व आमजनता में मंत्री सकलेचा के विरुद्ध गहन आक्रोश पनप गया।श्री पाटीदार ने कहा कि मंत्री सकलेचा संवैधानिक पद पर है कोई वसूली करने वाले दादा पहलवान नहीं है जो इस प्रकार से किसानों के साथ व्यवहार कर रहे है,क्षेत्र के जनप्रतिनिधि होने के चलते क्षेत्र के रहवासी पीड़ा बताने आए थे उनकी समस्या सुन हल करना चाहिए थी लेकिन उल्टे किसानों के साथ दुर्व्यवहार किया जो उनकी हिटलरशाही को दर्शाता है।सत्ता के मद में मंत्री सकलेचा ने जावद विधानसभा की जनता पर अत्याचार की सीमा पार कर दी है।पाटीदार ने कहा कि इस बार जावद की जनता मंत्री सकलेचा को बुरी तरह हराकर असली ठिकाने पर लगाकर ही रहेगी।सत्यनारायण पाटीदार ने कहा कि पूर्व में भी मंत्री सकलेचा ने सिंगोली तहसील के कवई में सौर ऊर्जा के नाम से 7 हजार बीघा जमीन हड़प ली।  श्री पाटीदार ने मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा को आगाह करते हुए चेताया कि समय रहते होश में आए मंत्रीजी जावद की जनता पर अत्याचार करना बंद करें और जिस भी किसान,मजदूर,आदिवासी व आम जनता की जमीनों को सत्ता के बल पर अत्याचार करते हुए हड़पने का काम किया है वो जमीन उन सभी को वापस लोटाई जाए साथ ही सुवाखेड़ा व खेड़ा राठौर की जमीनों की लीज अविलंब निरस्त करवाई जाए नहीं तो आने वाले दिनों में कांग्रेस पार्टी किसानों,मजदूरों,आदिवासियों व आम जनता के हित में भाजपा सरकार व उसके ऐसे अत्याचारी मंत्री के विरुद्ध जंगी आंदोलन करेगी।सत्यनारायण पाटीदार ने कहा कि किसान व आमजनता पीडित है उनकी अपनी समस्या है।अपना हक मांगने चुने हुए जनप्रतिनिधियों के पास नहीं जायेंगे तो कहां जायेंगे।किसानों की जो समस्या है उसका समाधान करें और जिनको भी मुआवजा मिलना है कानून के हिसाब से उन्हें उनका मुआवजा मिलना ही चाहिये।कलेक्टर दर से चार गुना अधिक मुआवजा उन्हें मिले।पाटीदार ने कहा कि पीड़ित किसान व मजदूर व आमजनता उन्हें परेशानिया होने पर वे जनप्रतिनिधि के पास ही जाएँगे।मंत्री व जनप्रतिनिधि संवैधानिक पद पर बैठे है,कोई गुंडे-मवाली या छुटभैया नेता नहीं है जो इस प्रकार गिरी हुई भाषा का उपयोग करेंगे।संवैधानिक पद पर बैठा हुआ मंत्री यदि एक आम कार्यकर्ता और नेता की तरह आमजनता व किसानों से बात करें तो ये उन्हें शोभा नहीं देता है जो अभद्र व्यवहार मंत्री सकलेचा ने किया है उन्हें मजदूरों और किसानों से माफी मांगना ही चाहिये।

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