नीमच। अपनी मांगों को लेकर चिकित्सा महासंघ के आवाहन पर मध्य प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ के चिकित्सक प्रदेश के साथ-साथ नीमच में भी क्रमिक आंदोलन कर रहे थे।जिसके तहत 1 मई सोमवार को मध्यप्रदेश के चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराया, वहीं 2 मई को ओपीडी बंद रखकर उसका बहिष्कार किया।और 3 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल प्रारंभ की गई थी। परंतु 1 दिन की हड़ताल में ही हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश के 15 हजार से अधिक सरकारी चिकित्सकों की हड़ताल को अवैध बताते हुए चिकित्सकों को तत्काल काम पर लौटने के आदेश जारी किए, जिसको लेकर प्रदेश के साथ नीमच जिले के चिकित्सक भी अपनी हड़ताल समाप्त कर 4 मई गुरुवार से काम पर लौट गए हैं मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश में जारी डॉक्टरों की हड़ताल को अवैध ठहराया हैओर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि हड़ताल पर बैठे सभी चिकित्सक तत्काल काम पर लौटे। डॉक्टर अस्पताल में मौजूद अंतिम मरीज का भी इलाज करें। हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि आगे से बिना अनुमति हड़ताल नहीं करें और भविष्य में टोकन स्ट्राइक को भी हाईकोर्ट ने अवैध बताया है। डॉ प्रवीण पांचाल ने जानकारी देते हुए बताया कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में मध्यप्रदेश के चिकित्सकों ने अपनी हड़ताल वापस ली है आज की स्थिति में सभी चिकित्सक काम पर लौटे हैं ऊपरी संगठन की बैठक चल रही है आगे की रणनीति संगठन के आदेश पर बनाई जाएगी हमारी मुख्य मांगे डीएसीपी को लागू किया जाए, ओल्ड पेंशन लागू की जाए,ओर चिकित्सीय कार्य में प्रशासनिक हस्तक्षेप खत्म किया जाए इसको लेकर मध्यप्रदेश के चिकित्सक आंदोलनरत थे।