नई पदस्थापना से भूमाफिया में हर्ष की लहर
सिंगोली(निखिल रजनाती)। सिंगोली कस्बे सहित अँचल के ग्रामीण इलाकों में जमीनी विवादों के जनक माने जाने वाले और हेराफेरी व फर्जीवाड़ा करके शासन को चूना लगाने वाले तथाकथित पटवारी पर प्रशासन आँख मूँदकर मेहरबान हो रहा है जिसके चलते सिंगोली कस्बे में विभिन्न प्रकार के जमीनी विवाद पैदा करने वाले पटवारी को फिर से सिंगोली कस्बे का पटवारी बना दिया गया है जिससे साँठगाँठ वाले भूमाफिया में खुशी की लहर दौड़ गई है।प्राप्त जानकारी के मुताबिक कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी जावद से 8 जून को एक आदेश जारी किया गया जिसमें सिंगोली तहसील के 7 पटवारियों के कार्य-क्षैत्र में बदलाव किया गया है जिसमें हमेशा से ही विवादों में रहे पटवारी बालकिशन धाकड़ को पटवारी हल्का नम्बर 04 फुँसरिया और हल्का नम्बर 05 सिंगोली कस्बे का प्रभार भी सौंपा गया है जिससे भूमाफिया के मन की मुरादें पूरी होती दिखाई दे रही है लेकिन पीड़ितों पर मानो दुःखों का पहाड़ टूट गया है क्योंकि पटवारी हल्का नम्बर 05 सिंगोली कस्बे के सबसे अधिक चर्चित भू सर्वे नम्बर 189 और सर्वे नम्बर 70 ही नहीं बल्कि सर्वे नम्बर 449,316,139 सहित ओर भी कई सर्वे नम्बर ऐसे हैं जिनमें तथाकथित और विवादित पटवारी द्वारा राजस्व अभिलेखों में फर्जीवाड़ा करके सरकारी जमीनों पर निजी खातों की तरमीमें उठाई गई जिसके चलते राजस्व अभिलेखों में उक्त दोनों सर्वे नम्बरों 70 और 189 में 10-10 बीघा जमीन सरकारी बताई जा रही है लेकिन मौके पर एक इंच जमीन भी सरकारी नहीं बची है।सूत्रों ने बताया कि उक्त विवादित पटवारी ने सिंगोली कस्बाई पटवारी के रूप में लाखों रुपए ऐंठकर भूमाफिया को करोड़ों रुपए का नाजायज लाभ दिलवाने का काम किया था और उक्त पटवारी के विवादित कारनामों के कारण ही इन्हें हटाकर न केवल सिंगोली तहसील से बल्कि उपखण्ड क्षेत्र जावद के बाहर प्रशासनिक तबादला कर दिया गया था लेकिन नीचे से लेकर ऊपर तक फैले भ्रष्टाचार की वजह से उक्त पटवारी ने धीरे धीरे ही सही परन्तु फिर से मलाईदार जगह पर इन्ट्री कर ली है।लोगों का कहना है कि उक्त पटवारी को पुनः सिंगोली कस्बा पटवारी का कार्यभार मिलने पर सिंगोली कस्बा पटवारी के रूप में किए गए फर्जीवाड़े को सही व मूर्त रूप देने का काम करना शुरू हो जाएगा और इनकी नजर में जो मिशन अधूरा ही छूट गया था उसे भी अब पूरा करने के प्रयास किए जाएँगे।उक्त विवादास्पद पटवारी की शिकायतें आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो और लोकायुक्त पुलिस तक भी की गई है क्योंकि डॉन के नाम से मशहूर इस पटवारी पर आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के भी आरोप हैं।जनमानस में चर्चा इस बात को लेकर हैं कि सिंगोली से शिकायतों के आधार पर हटाए गए पटवारी को पुनः सिंगोली किसकी अनुशंसा पर लाया गया है ?राजनीतिक हस्तक्षेप या बड़े पैमाने पर हुआ लाखों रुपए का लेनदेन जो भी हो लेकिन फिलहाल तो पटवारी की सिंगोली कस्बे में हुई नई पदस्थापना से भूमाफिया में हर्ष की लहर व्याप्त हो गई है।