नीमच। शहर में करोड़ो रूपये खर्च कर ड्रेनेज व नलजल योजना नागरिकों की सुविधा के लिए लाई गई थी।परंतु यह सुविधाए अब दुविधाओं में तब्दील होती जा रही है शहर में डाली गई ड्रेनेज जाम ओर गटर का पानी उगलने के कई मामले पूर्व में भी सामने आए है जिसकी शिकायते भी क्षेत्र वासियों द्वरा नपा सहित सम्बंधित विभाग को कर रखी है परंतु इस समास्या का स्थाई हल नही निकल पाया,हर बार नपा अधिकारी व जन प्रतिनिधि इस मामले मेभी नागरिकों को दोषी मानते है कि ड्रेनेज जाम नागरीको की गलती से हो रहा है नपा ड्रेनेज जाम का टेक्निकल कारण ओर स्थाई समाधान निकालने की बजाय पल्ला झाड़ देती है।जिसके कारण आय दिन ड्रेनेज जाम हो जाते है और चेम्बर बदबू दार गंदा पानी उगलते है जो सड़को पर बहता है और क्षेत्र में बदबू भी फैलती रहती है ऐसा ही एक नजारा सोमवार को डाकबंगले के समीप इंद्रानगर मार्ग पर देखने को मिला जहा ड्रेनेज चेम्बर से गंदा बदबूदार गटर का पानी बह रहा था जिस ओर नाही नपा का कोई ध्यान गया और नाही जनप्रतिनिधियो ने समस्या निराकरण की जहमत उठाई।इसी प्रकार सरकार द्वारा नल जल योजना भी नागरिकों की सुविधा के लिए बनाई गई थी परंतु क्षेत्र में बिछाई गई नलो की पाइप लाइन में हर वर्ष बारिश के दौरान गंदा पानी लोगों के घरों तक पहुंच ता है कई बार तो हालात यह रहते हैं कि नालियों का पानी भी नलों के माध्यम से लोगों तक पहुंच जाता है।जिसके मामले भी पूर्व में नपा के समक्ष शिकायत के रूप में प्रस्तुत हुए परंतु उनमें भी स्थाई निराकरण नहीं निकला है इसमें भी एक मामला वर्तमान का सामने है जिसमें जवाहर नगर में गंदे पानी के कारण क्षेत्रवासी परेशान थे जहां के वार्ड पार्षद द्वारा मामले में पाइप लाइन सुधारने का कार्य नपा के माध्यम से किया गया परंतु खोदे गए गड्ढे को पुनः नहीं भरा गया।जिसके कारण भी क्षेत्रवासी दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं ऐसे में क्षेत्रवासियो का कहना था कि किसी भी मामले में कोई सुनवाई नही होती पूरे कुवे में भाग घुली है आखिर किसको करे शिकायत कोई सुनने वाला तक नही है मुख्यमंत्री शिवराज के राज में शासन प्रशासन किस प्रकार से कार्य कर रहा है इसकी बानगी नीमच जिले व शहर में जिवंत रूप से देखी जा सकती है।लेकिन एक गरीब व्यक्तियों व आम नागरिकों की परेशानी से जनप्रतिनिधि ओर प्रसाशन को कोई मतलब नही है। चुनाव के समय सुशासन की झूटी बातें कर चुनाव जीतते है और चुनाव जीतने के बाद जनता के संवैधानिक कार्य भी नहीं होते क्या यही लोकतंत्र है? जंहा जनप्रतिनिधि और सरकारी कर्मचारी ही सर्वेसर्वा है यह जवलंत प्रश्न आज लोकतंत्र के समक्ष एवं नीमच जिले के जिला प्रशासन के समक्ष खड़ा है।