नीमच। अपनी 10 सूत्री मांगों के निराकरण को लेकर जिले का नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन स्टाफ 10 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है आज मंगलवार को हड़ताल का दूसरा दिन था जहां जिला चिकित्सालय में नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन ने जमकर नारेबाजी करते हुए अपना विरोध प्रदर्शन किया इस दौरान कांग्रेस नेता जिला पंचायत सदस्य तरुण बाहेती भी मौके पर पहुंचे और नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन की हड़ताल का समर्थन किया जहां नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन कांग्रेस नेता माहिती को एक मांग पत्र सौंपा जिसमें नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन ने अपनी मांगे रखी और बताया कि नर्सिंग संवर्ग के वेतन विसंगति को दूर किया जाए।रात्रीकालीन आकस्मिक चिकित्सा भत्ता स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों को र500/- प्रति दिया जाता है जबकि इनके साथ सलग्न नर्सेस व अन्य परामेडिकल कर्मचारीया को भी 300 रुपये प्रति रात्री आकस्मिक चिकित्सा भत्ता दिया जाये।प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्वसाशी अधिकारी कर्मचारियों के वर्ष 2016 के भर्ती नियमों में संशोधन किया जाये,साथ ही भर्ती नियमों में संसोधन करते समय एसोसिएशन के प्रतिनिधीयों का सुझाव लिया जाये।ग्वालियर एवं रीवा मेडिकल कॉलेज में जी.एन.एम. नर्सिंग को तीन एवं बी.एस.सी नर्सिंग को चार वेतन वृद्धि दी गयी है,जबकि अन्य मेडिकल कॉलेजों में नहीं दी गयी है। विभाग द्वारा सौतेला व्यवहार किया गया है।ग्वालियर एवं रीवा मेडिकल कॉलेज की भाति अन्य शेष मेडिकल कॉलेज के नर्सिंग ऑफिसर को तीन एव चार वेतन वृद्धि दी जाये।नर्सिंग स्टूडेन्ट का स्टॉयफण्ड रु. 3000/- से बढ़ाकर रु. 8000/किया जाये,नर्सिंग संवर्ग की पदोन्नति हेतु जब तक माननीय न्यायालय में निर्णय विचाराधीन है।ऐसी स्थिति में विभाग द्वारा पदौन्नति पद पर प्रभार के तौर पर प्रभारी बनाया जाये,नर्सिंग ट्यूटर के पद सृजित किये जाये।स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग अन्तर्गत संचालनालय स्तर पर सहायक संचालक का पद सृजित है जो नसिंग स्वर्ग का है।वर्तमान में अन्य कैडर से कार्य कराया जा रहा है जो अनुचित है।सहायक संचालक के पद पर नर्सिंग संवर्ग से ही कार्य कराया जाये।प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्वसाशी अन्तर्गत कार्यरत कर्मचारीयों को सातवे वेतनमान का लाभ जनवरी 2016 से दिया जाये। शासकीय सेवा में सीधी भर्ती में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पदों पर चयन होने पर तीन वर्ष की परिवीक्षा अवधि एवं 70.प्रतिशत् 80 प्रतिशत 90 प्रतिशत मानदेय नियम को निरस्त कर पूर्व की भांति यथावत रखा जाये। पुरानी पेंशन (ओ.पी.एस.) पूर्व की भांति लागू की जाये।जैसी मांगे शामिल की गई।