नीमच। पटवारी परीक्षा में हुवे घोटाले की जाँच करने व पेपर लीक के खिलाफ कानून बनाने की मांग को लेकर गुरुवार को नेयु नेशनल एजुकेटेड युथ यूनियन के सदस्य व विद्यार्थी बड़ी संख्या में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने कलेक्टर कार्यालय का घेराव करते हुए जमकर नारेबाजी की साथ ही मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर प्रतिनिधि नायब तहसीलदार पिंकी साठे को सौंपा। जिसमें बताया गया कि हाल ही में व्यापम द्वारा ग्रुप 2 सब ग्रुप 4 की भर्ती परीक्षा से संबंधित टॉप टेन अभ्यार्थियों की लिस्ट जारी की गई जिसमें टॉप 10 छात्रों में से 7 छात्र केवल ग्वालियर के ही एन आर आई कॉलेज के परीक्षा केंद्र से थे साथ ही इन टॉपर की उत्तर पुस्तिका का अध्ययन करने पर जानकारी मिली कि छात्रों ने अपने परीक्षा फार्म में अपने हस्ताक्षर हिंदी में किए हैं जबकि इन लोगों ने अंग्रेजी विषय के प्रश्न पत्र में 25 में से 25 अंक प्राप्त किए हैं इनमें से कुछ छात्र ऐसे हैं जिन्होंने पहली बार परीक्षा दी थी और उन्होंने टॉप कर लिया ।वही महिला अभ्यर्थी जिन्होंने पटवारी जॉइनिंग के लिए प्राथमिकता दी है जबकि सर्वाधिक नंबर होने पर पटवारी से उच्च स्तर की पोस्ट का विकल्प था।परीक्षा में उत्तर देते समय इन्होंने उन्हीं विकल्पों का चयन किया जो कुछ विकल्प व्यापम द्वारा गलती से कुछ प्रश्नों के उत्तर में दे दिए गए थे ऐसा प्रतीत होता है जैसे इन्हें व्यापम द्वारा जारी उत्तर पुस्तिका पहले से ही मिल चुकी थी। इन सभी कारणों के साथ और भी घटनाएं जिसमें ग्वालियर के एन आर आई कॉलेज मैं पेपर लीक को अंजाम दिया गया है उक्त भर्ती परीक्षा जिस परीक्षा एजेंसी से कराई गई है वह कंपनी केंद्र सरकार द्वारा ब्लैक लिस्ट की हुई है फिर भी ईएसबी ने इस ब्लैक लिस्टेड कंपनी को टेंडर दिया। परीक्षा पेपर में प्रश्न को लेकर सवाल खड़े हुए हैं कि एक पेपर मे 30 से 35 प्रश्न गलत है कुछ के उत्तर गलत है कुछ ट्रांसलेट गलत है कुछ डाटा से बाहर है फिर भी इनके इतने अधिक नंबर आना संदेह से भरा है जब परीक्षा चल रही थी तब ग्वालियर मुरैना सागर के कुछ संदिग्ध विद्यार्थियों को पकड़ा गया था जो पैसा लेकर थंब क्लोन बनाकर फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे थे। भर्ती परीक्षा में जानबूझकर परीक्षार्थियों को पास के सेंटर छोड़कर 400 से 500 किलोमीटर दूर सेंटर दिए गए। ज्ञापन में मांग की गई है कि उक्त परीक्षा की सीबीआई जांच की जाए टॉप 10 टॉपर की पूरी वीडियो ग्राफी जिसमें उनका रिस्पांस टाइम प्रदर्शन होता हो उसे जारी किया जाए।उन्हीं टॉप टेन टॉपर्स का विषय विशेषज्ञों की उपस्थिति में मीडिया ट्रायल कराया जाए। यह समस्त जांच समय बद्ध तरीके से 10 दिन में पूर्ण की जाए। उपरोक्त जांच पूरी होने तक डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और नियुक्ति की प्रक्रिया को लंबित किया जाए। आगे आने वाली समस्त परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन को बंद कर परीक्षाओं को ऑफलाइन मोड में आयोजित किया जाए।दिव्यांग कोटे में पात्रता हेतु कई अभ्यर्थियों द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं जिनकी जांच कर दोषियों को सजा दी जाए जैसी मांगे शामिल की गई थी।