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नीमच जिला जेल देश की पहली ऐसी जेल बनी जहां कैदियों द्वारा गोबर से बनी सामग्रियों का किया जा रहा निर्माण, यहां की गोबर से बनी राखियां सीएम और पीएम को भी गई भेजी

नीमच। जिला जेल देश की ऐसी पहली जेल है जहां जेल अधीक्षक प्रभात कुमार के नेतृत्व में यहां के कैदियों द्वारा इको फ्रेंडली और लोकल फ़ॉर वोकल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जेल में सजा याफ्ता कैदी सजा काट ने के दौरान गाय के गोबर से राखियां दीपक स्वास्तिक मास्क गमले मूर्तियां सहित अन्य सामग्रियों का निर्माण कर रहे है और एक अनूठी पहल यहां की गई है इस पहल से कैदियों द्वारा इको फ्रेंडली को बढ़ावा दिया जा रहा है बता दे कि जिला जेल में कुल 507 मालवा मेवाड़ पंजाब ओर हरियाणा के रहवासी कैदी है जिनमे से 27 महिला कैदी भी है।जिला जेल अधीक्षक प्रभात कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि वे यूट्यूब सर्च कर रहे थे जिस पर उन्होंने जयपुर निवासी भीमराव शर्मा के द्वारा गोबर से पेपर बनाने की जानकारी पड़ी और उसके बाद उनके मन में आया कि क्यों ना नीमच में भी जिला जेल में कैदियों के माध्यम से गोबर से बनी वस्तुओं का निर्माण कराया जाए। इसके बाद जेल अधीक्षक द्वारा जयपुर निवासी भीमराव शर्मा से फोन पर संपर्क किया गया और उन्हें नीमच जिला जेल आने को लेकर अनुरोध किया गया। जिसके बाद वह नीमच भी आए और यहां के कैदियों सहित पुलिस अधिकारियों को मार्गदर्शन प्रदान किया गया।जिला जेल अधीक्षक ने बताया कि गाय के गोबर के अलावा ऐसा कोई मल नहीं है जो सृष्टि में पूजा जाता हो जिसको हम हाथ से उठा सकते हैं हमें लगा कि हम भी गाय के गोबर पर कम कर सकते हैं इसके बाद हमारे द्वारा नीमच जिला जेल परिसर में गौशाला की शुरुआत भी की गई और गाय के गोबर से अब जेल के  महिला व पुरुष कैदियों द्वारा मूर्तियां राखी मास्क स्वास्तिक दीपक सहित अन्य वस्तुएं बनाई जा रही है हर त्यौहार में जहां हमे गोबर की आवश्यकता होती है तो क्यों ना हम गोबर से बनी वस्तुओं को बाजार में भेजें।हम लोग घरों में प्लास्टिक और प्लास्टर ऑफ पेरिस सहित अन्य केमिकल युक्त मूर्तियों की स्थापना करते हैं परंतु उन मूर्तियों से वह ओहरा और ऊर्जा नहीं निकलती जो गाय के गोबर से निकलती है गाय के गोबर से कई प्रकार के उपचार होते हैं और गाय के मूत्र से भी उपचार एवं पवित्रता फैलती है मन में धारणा थी की जेल में जो बंद कैदी हैं जिन्हें हम रहवासी कहते हैं उन्हें गाय के गोबर की महत्वता बताई जाए। गाय का गोबर आसानी से उपलब्ध हो जाता है जिससे कितनी ही वस्तुए बनाई जा सकती है ऐसी निशुल्क मिलने वाली वस्तु से आर्थिक लाभ भी कमाया जा सकता है तो क्यों ना इसको व्यावसायिक धार्मिक और मानसिक रूप से आगे बढ़ावा दिया जाए।यह प्रयास हमने जिला जेल नीमच के रहवासी कैदियों के लिए किए हैं जिसकी शुरुआत भी भीमाशंकर शर्मा द्वारा नीमच आकर कराई गई थी जिसमें रक्षाबंधन के पूर्व रक्षाबंधन त्यौहार को लेकर गोबर से राखियो का निर्माण किया गया इसके साथ ही गोबर से दीपक स्वास्तिक सहित अन्य कई आकर्षक वस्तुएं बनाना शुरू की गई है जिसको लेकर जिला प्रशासन द्वारा भी यहां के कैदी रह वासियों का प्रोत्साहन किया गया है गौशाला गाय का गोबर और इससे बनी हुई चीज आगे आने वाले समय में बाजार में भी देखने को मिलेगी। गोबर से बने मास्क भी काफी कारगर सिद्ध हुए हैं और इनका नष्ठी करण भी आसानी से किया जा सकता है इससे किसी भी प्रकार का कोई प्रदूषण या कीटाणु नहीं फैलते। गाय के गोबर से बने मास्क विदेश तक भेजे गए हैं इसके अलावा नीमच जिला जेल के रहवासी कैदियों द्वारा बनाई गई गोबर की राखियां पीएम नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश सीएम शिवराज सिंह चौहान और उत्तर प्रदेश सीएम योगी जी को भी भेजी गई है।

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