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जीएसटी वृद्धि के विरोध में व्यापारियों ने किया बंद का समर्थन,व्यापार बंद रख निकली रैली सोपा ज्ञापन


नीमच। कपड़ा व्यापार पर केंद्र सरकार द्वारा 1 जनवरी से 5% से जीएसटी बढ़ाकर 12% किए जाने के विरोध में प्रदेश सहित नीमच जिले में भी कपड़ा व्यापारियों द्वारा गुरुवार को बंद का समर्थन करते हुए अपने व्यापार व्यवसाय बंद रखें और रैली निकालकर एक ज्ञापन सौंपा गया। कपड़ा व्यापारी भारत माता चौराहा पर एकत्रित हुवे जहां उन्होंने जमकर विरोध प्रदर्शन किया इसके साथ ही बाजारों में दुकानें भी बंद करवाई गई। वस्त्र व्यापारी रेडीमेड कपड़ा व्यापारियो ने केंद्र सरकार द्वारा बड़ी हुई जीएसटी दरों को वापस लेने की मांग की व्यापारियों का कहना है कि सरकार ने जीएसटी का अतिरिक्त भार दे दिया है कोरोना के चलते वैसे ही बाजारों में मंदी का दौर हैं इससे जीएसटी और बढ़ जाने से ग्राहकों को काफी नुकसान होगा व्यापार व्यवसाय पूरी तरह से प्रभावित होगा और बढ़ी हुई जीएसटी दरों को आम जनता को ही भुगतना पड़ेगा इससे आम जनता की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ेगा सरकार जब तक जीएसटी की दरों में की गई वृद्धि को वापस नहीं लेती हैं तब तक व्यापारियों का आंदोलन जारी रहेगा आज जीएसटी दरों में वृद्धि के विरोध में हम प्रदर्शन कर रहे हैं नीमच शहर के साथ-साथ सभी स्थानों पर जिले में वस्त्र व्यापारी रेडीमेड गारमेंट्स व्यापारी और जूता व्यापारियों ने पूर्णता अपनी दुकानें बंद रखी सभी ने बंद का पूरी तरह से समर्थन किया हैं सरकार यदि हमारी मांगों पर ध्यान नहीं देती हैं तो आने वाले दिनों में हम मतदान का बहिष्कार करेंगे और उग्र धरना प्रदर्शन आंदोलन करेंगे।वस्त्र व्यापारी कल्याण समिति ने प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर प्रतिनिधि नायब तहसीलदार पिंकी साठे को सौंपा जिसमें उन्होंने 1 जनवरी से बढ़ने वाली जीएसटी वापस लेने की मांग की साथ ही बताया कि सभी वस्त्र व्यापारी बढ़ी हुई जीएसटी का कठोर विरोध करते हैं इससे आम उपभोक्ताओं पर भार पड़ेगा जब जीएसटी का कंसल्ट लागू हो रहा था तब हमें बताया गया था कि रोटी कपड़ा और मकान से संबंधित जो भी वस्तु आती है उसे हम न्यूनतम टैक्स के दायरे में रखेंगे लेकिन सरकार द्वारा ऐसा नहीं किया गया वर्तमान में महंगाई चरम सीमा पर है ऐसे में टैक्स वृद्धि आग में घी डालने का काम करेगी वस्त्र व्यापारी संघ ने बड़ी हुई जीएसटी वापस लेने की मांग की है इस दौरान बड़ी संख्या में वस्त्र व्यापारी मौजूद रहे।

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