नीमच। बीते दिनों जावद थाने के अंतर्गत आने वाले सरवानिया महाराज के ग्राम उपरेड़ा के एक नाबालिग युवक की हत्या का मामला सामने आया था। जिसके बाद परिजनों ने न्याय की मांग को लेकर दोषियों पर कार्यवाही कर फाँसी देने की मांग की हैं। उक्त मामले में बुधवार को दोपहर में समाज जनो सहित मृतक युवक के परिजनों ने कलेक्टर कार्यालय पहुच कलेक्टर कार्यालय के मुख्य मार्ग पर चक्का जाम करदिया ओर न्याय की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की। जाम की सूचना पर नगर पुलिस अधीक्षक फूल सिंह परस्ते जावर थाना प्रभारी नीमच सिटी थाना प्रभारी और कैंट थाना प्रभारी मैं पुलिस बल के मौके पर पहुंचे थे जहां पुलिस की समझाईश के बाद करीब 1 से डेढ़ घण्टे जाम लगाने के साथ ही परिजनों ने एएसडीएम ममता खेड़े को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सोपा,जिसमे बताया कि कि गत माह रोहित पिता दीपक जाति बलाई ग्राम उपरेडा तहसील जावद गुम हो गया था। जिसकी सूचना तत्काल थाना जावद पर की गई थी। परंतु पुलिस की उदासीनता के कारण गुम हुए बालक को ढूंढा नहीं जा सका और गुम होने के 10- 12 दिन बाद दिनांक 21 सितंबर को उसकी लाश शत विक्षित अवस्था में तीन टुकड़ों में जंगल में मिली। जिससे स्पष्ट है कि उक्त बालक को अगवाह कर उसके साथ अज्ञात आरोपियों द्वारा मानवता को शर्मसार करते हुए गंभीर घटना कारित की गई है और आज दिनांक तक किसी भी आरोपी का कोई पता नहीं चला जिससे मालवीय बलाई समाज व परिजनों में काफी रोश व्याप्त है और भय का माहौल उत्पन्न हो गया है तथा समाज एवं आमजन पुलिस की कार्य प्रणाली पर शंका करने लगी है मृतक बालक अपने परिवार का सबसे बड़ा पुत्र था जो अपने माता-पिता का एकमात्र सहारा था जो अज्ञात आरोपियों द्वारा उसके साथ मानवता पूर्ण घटना कार्य कर उसे ब्रिटिश तरीके से मार डाला जिससे उसके माता-पिता एवं परिवार जनों को कठोर आघात पहुंचा है। इस कारण अज्ञात आरोपियों के खिलाफ त्वरित अनुसंधान कार्रवाई कर अज्ञात आरोपियों का तुरंत पता लगा कर उसके विरुद्ध गंभीर धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर तुरंत गिरफ्तार किया जाना आवश्यक है। परिजनों ने यह भी बताया कि जन्माष्टमी के दिन रोहित का विवाद प्रजापति समाज के कुछ लोगों से हुआ था जिसके बाद से ही वह घर से गायब था जिसकी जानकारी परिजनों द्वारा पुलिस को दी गई परंतु अब तक प्रजापति समाज के लोगों को गिरफ्तार नहीं किया गया है दिए गए ज्ञापन में मांग की गई है कि मृतक रोहित के हत्यारो को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर उन्हें सजा दी जाए,परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी दी जाए एवं 50 लख रुपए आर्थिक सहायता परिजनों को दी जाए व मामले की सीबीआई जांच भी कराई जाए।