नीमच। जिला सेवानिवृत्त एवं पेंशनर्स नागरिक महासंघ द्वारा मध्य प्रदेश पुनर्गठन आयोग 2000 की धारा 49(6) एवं के पेंशनरों की महंगाई राहत के संदर्भ में मप्र मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ओर छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर प्रतिनिधि को सोपा जिसमें बताया गया कि मध्यप्रदेश पुनर्गठन आयोग 2000 की धारा 49 (6) के कारण म.प्र. एवं छत्तीसगढ़ की सरकारों के आपसी सहमति के बाद ही बुजुर्ग पेंशनरों की मंहगाई राहत के आदेश जारी होते है। जिसके कारण पेंशनरों को मंहगाई राहत का भुगतान समय पर नहीं हो पाता है।जबकि पूर्व में विधानसभा सत्र के दौरान पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने मध्यप्रदेश पुनर्गठन आयोग 2000 की धारा 49(6) को विलापित करने के संबंध में एक संकल्प पत्र पारित करवाया था। किन्तु उस संकल्प पत्र पर आज दिनांक तक कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई, जो प्रदेश के पेंशनरों के साथ छलावा ही सिध्द हुआ है। जबकि केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2017 में धारा 49(6) के संबंध में मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ सरकारों को लिखा जा चुका है कि इसका अब कोई औचित्य नहीं है। किन्तु मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ की सरकारें म.प्र. पुनर्गठन की धारा 49(6) की आड़ लेकर बुजुर्ग पेंशनरों की मंहगाई राहत के आदेश विलम्ब से जारी कर पेंशनरों को समय पर भुगतान नहीं कर रही है।अतः मध्यप्रदेश पुनर्गठन आयोग 2000 की धारा 49(6) आपके नेतृत्व में तुरन्त प्रभाव से विलोपित किया जाए,ताकि केन्द्र सरकार द्वारा जारी मंहगाई राहत के आदेश की तिथि से प्रदेश के पेंशनरों को भी समय पर लाभ मिल सके, केन्द्र सरकार द्वारा जुलाई 2023 से पेंशनरों की मंहगाई राहत 42 प्रतिशत से बढ़ाकर 46 प्रतिशत कर दी गई है। अतःम.प्र. के बुजुर्ग पेंशनरों को भी माह जुलाई 2023 से 46 प्रतिशत मंहगाई राहत के आदेश जारी किये जाए। ज्ञापन सपना के दौरान कोषाध्यक्ष भोपाल सिंह राठौर, सचिव जगमोहन श्रीवास्तव अध्यक्ष बालचंद वर्मा सहित अन्य पेंशनर मौजूद रहे।