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नीमच सिविल अस्‍पताल में थेलेसिमिया वार्ड का हुआ शुभारंभ

नीमच। बीमारी कोई भी हो घर, परिवार के लिए बड़ा संकट साबित होती है। नीमच जिले में थैलेसीमिया के प्रति जागरूकता एवं उपचार के लिए काफी काम किया जा रहा है। नीमच के सिविल अस्पताल में प्रारंभ किए गए नवीन थैलेसीमिया वार्ड को भविष्य में सर्व सुविधायुक्त आदर्श वार्ड बनायेंगे। आवश्यक संसाधनों से परिपूर्ण इस वार्ड में थेलेसिमिया के मरीजों और उनके परिजनों को अस्पताल से अलग वातावरण उपलब्ध कराने का प्रयास किया जावेगा। यह बात कलेक्टर दिनेश जैन ने सोमवार को जिला चिकित्सालय नीमच में थेलेसिमिया वार्ड के शुभारंभ समारोह को सम्‍बोधित करते हुए कही। इस मौके पर देश के जाने माने ब्रोनमैरो ट्रांसप्लांट, विशेषज्ञ डॉ.दिनेश पण्‍डारकर, डा.चंद्रमोली त्रिपाटी उज्‍जैन,डॉ.ललीता पण्‍डारकर उज्‍जैन, सिविल सर्जन डॉ.महेन्‍द्र पाटील, डॉ.बी.एल.सिसोदिया, डॉ. विजय भारती, डा.मनीष यादव, डॉ.राजेन्द्र एरन भी उपस्थित थे।जिला थेलेसिमिया वेलफेयर सोसायटी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सत्‍येन्‍द्र सिंह राठौर ने सोसायटी व्‍दारा थेलेसिमिया मरीजों के उपचार एवं जागरूकता के लिए संचालित गतिविधियों की विस्‍तार से जानकारी देते हुए बताया, कि सोसायटी व्‍दारा विभिन्‍न शिविरों के माध्‍यम से अब तक 583 बोनमेरो डोनर तैयार करवाये गये है। जिले में ब्‍लड डोनर्स की कोई कमी नहीं है।उन्‍होने डॉ.पण्‍डारकर व्‍दारा थेलेसिमिया मरीजों की जांच एवं उपचार में किए जा रहे सहयोग के बारे में विशेष रूप से बताया।बोनमैरो विशेषज्ञ डॉ.दिनेश पण्‍डारकर ने कहा, कि थेलेसिमिया पीड़ित बच्‍चों की उचित देखभाल एवं उपचार से बच्‍चों का जीवन बचाया जा सकता है। उन्होंने ब्‍लड सेपरेशन मशीन की आवश्‍यकता का विशेष रूप से उल्लेख किया।डॉ.पण्‍डारकर ने थेलेसिमिया मरीजों को बोनमेरो ट्रांसप्लांट के लिए मरीजों और उनके परिजनों की सहमति एवं सहयोग जरूरी बताया। कार्यक्रम को न.पा.अध्‍यक्ष श्रीमती स्‍वाति चौपडा ने भी सम्‍बोधित किया। सुरेश सिंहल ने थेलेसिमिया मरीजों के उपचार के कार्य में तन मन धन से हर सम्‍भव सहयोग का विश्‍वास दिलाया।कार्यक्रम को डॉ.राजेन्‍द्र एरन ने भी सम्‍बोधित किया।सिविल सर्जन डॉ.महेन्‍द्र पाटिल ने अवगत कराया कि नीमच में शासन व्‍दारा ब्‍लड सेपरेशन मशीन एवं यूनिट स्‍थापित करने के लिए फण्‍ड स्वीकृत कर निविदा कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है। स्थल का चयन भी हो गया है। आठ, दस दिन में ब्‍लड सेपरेशन यूनिट का कार्य प्रारंभ हो जायेगा और लगभग 6 माह में ब्लड सेपरेशन यूनिट स्थापित होकर प्रारंभ कर दी जायेगी

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