नीमच।आशा एवं सहयोगिनी महासंघ द्वारा बुधवार को आशा एवं सुपरवाइजर कर्मचारी की समस्याओं के निराकरण को लेकर 6 सूत्रीय मांग पत्र मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर प्रतिनिधि डिप्टी कलेक्टर राजेश शाह को सोपा, जिसमें बताया गया कि मध्य प्रदेश शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन प्रदेश की 48 हजार आशा एवं सुपरवाइजर कार्यकर्ताएं ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में लोगों के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी टीकाकरण स्वच्छता जच्चा बच्चा देखभाल संस्थागत प्रसव आदि के अलावा राज्य सरकार इनसे कई अन्य कार्य भी संचालित करवाती है इसके बदले आशा एवं सहयोगिनी व सुपरवाइजर को कोई मानदेय अथवा वेतन नहीं दिया जाता, बल्कि अल्प प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाता है समाज का कुपोषण दूर करते-करते आशा एवं सुपरवाइजर परिवार सहित कुपोषित का शिकार हो रही है आशा कार्यकर्ताएं जब भुगतान के लिए अधिकारियों के पास जाती है तो बजट का हवाला देकर मना कर दिया जाता है इस वजह से आशा कार्यकर्ता एवं सुपरवाइजर को अपने ही भरण पोषण करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है दिए गए ज्ञापन में मांग की गई है कि आशा कार्यकर्ताओं से आयुष्मान कार्ड नहीं बनवाया जाए,पूर्व में बधाई राशि 4000 का और सात प्रकार का इंसेंटिव का भुगतान तत्काल किया जाए,आशा कार्यकर्ताओं एवं सुपरवाइजर के साथ विभाग द्वारा सम्मानजनक व्यवहार किया जाए, वर्ष 2023 की सभी बकाया राशि का संपूर्ण भुगतान किया जाए, सभी प्रकार के सर्वे आशा कार्यकर्ताओं को दिए जाते हैं जिससे आंगनवाड़ी व अन्य विभाग के लोगों को सम्मिलित किया जाए, आशा कार्यकर्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए जिला स्तर पर समिति का गठन किया जाए, जैसी मांगे शामिल की गई। ज्ञापन सौंपने के दौरान प्रदेश महामंत्री श्रीमती सुमन पटेल श्रीमती भारतीय सोलंकी चंदा गुजराती सहित अन्य आशा कार्यकर्ता मौजूद रही।