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पार्षद ने किया नपा सीएमओ का घेराव, सिंधी कॉलोनी जमीन मामले से जुड़ी केस फाइल का किया अवलोकन, मामला नपा द्वारा सिंधी कॉलोनी की जमीन केस हारने का

नीमच। बहुचर्चित सिंधी कॉलोनी की जमीन मामले को लेकर बुधवार को कांग्रेस और बीजेपी के पार्षदों द्वारा नगर पालिका सीएमओ महेंद्र वशिष्ठ का घेराव किया गया साथ ही उक्त जमीन से संबंधित केस फाइल का अवलोकन भी किया। बता दे की नगर पालिका उक्त भूमि का केस विगत 6 महापूर्व हार चुकी है जिसके बाद पुनः कोई अपील नगर पालिका द्वारा नहीं की गई और ना ही केस हारने की जानकारी किसी को बताई गई, जिसको लेकर नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस पार्षद योगेश प्रजापति ने पूरे मामले का खुलासा मीडिया के समक्ष किया था उसके बाद से ही आरोप प्रत्यारोपों का दौर प्रारंभ हुआ, इसी के साथ ही उक्त जमीन मामले से जुड़े सिंधी समाज के पार्षद मनोहर मोटवानी ने भी भाजपा पार्षद दल के साथ पूरे मामले में अपना पक्ष रखा था जब मामले में तूल पकड़ा तो कांग्रेस और भाजपा के 18 पार्षदों ने सिंधी कॉलोनी की जमीन मामले को लेकर विशेष परिषद सम्मेलन बुलाने की मांग भी की, साथ ही उक्त फाइल का अवलोकन भी करना चाह जिसको लेकर बुधवार को कांग्रेस बीजेपी के पार्षद नगर पालिका कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने सीएमओ का घेराव करते हुए कैसे से संबंधित फाइल का अवलोकन किया। उक्त मामले में नगर पालिका सीएमओ महेंद्र वशिष्ठ ने जानकारी देते हुए बताया कि विभाजन के समय पाकिस्तान से भारत आए शरणार्थियों को विस्थापित करने को लेकर शासन द्वारा मध्य प्रदेश पुनर्वास विभाग का गठन किया गया था जिसके माध्यम से पाकिस्तान से आई शरणार्थियों को निश्चित भूखंड आवंटित किए गए थे उसी में सिंधी समाज के कुछ लोगों को भी भूखंड आवंटित हुए थे और उसी दौरान शंकर लाल चंदानी जिन्हें मंदसौर में भूखंडावंटित हुआ था परंतु मंदसौर में जगह कम होने के कारण उन्हें नीमच में भी भूखंड आवंटित किया गया था जिस पर कतिपई लोगों द्वारा आपत्ति दर्ज कराई गई थी और उसके बाद नगर पालिका ने भी पार्टी बनकर उक्त मामले में कैसे लगाया था जिसे पूर्व में नगर पालिका तीन बार हार चुकी है और चौथी बार माननीय न्यायालय द्वारा यह कहते हुए केस खारिज कर दिया कि यह जमीन नगर पालिका की न होकर पुनर्वास विभाग की है पुनर्वास विभाग ने विधि संगत पूर्ण नियमानुसार सिंधी समाज के लोगों को जमीन आवंटित की है जिनकी रजिस्ट्री भी हो चुकी है यदि उक्त मामले को लेकर पार्षद कैसे लगाना चाहते हैं तो परिषद में प्रस्ताव लाकर उसे पास किया जाए और हम लोग भी उसका अनुसरण करते हुए शासन का मार्गदर्शन लेकर आगे की कार्रवाई करेंगे।

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