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आरटीओ की मौजूदगी से सिंगोली में नहीं दौड़ी बगैर परमिट की बसें 

यात्री होते रहे परेशान 

सिंगोली।नीमच जिला मुख्यालय से 80 किमी दूर स्थित सिंगोली क्षैत्र के लगभग सभी सड़क मार्गों पर बिना फिटनेस,बिना वाहन बीमे और बगैर परमिट धड़ल्ले से चल रही बसें 13 जनवरी गुरुवार को आरटीओ के सिंगोली दौरे के समय सड़कों पर नहीं दौड़ी जिसके चलते सैंकड़ों यात्री दिनभर परेशान होते रहे वहीं आरटीओ के दौरे की पूर्व जानकारी प्राप्त होते ही सिंगोली होकर गुजरने वाली बसें मध्यप्रदेश की सीमा से पहले राजस्थान में रोक दी गई क्योंकि नियम विरुद्ध सड़कों पर दौड़ने वाली बसें यदि आरटीओ की नजर में आती तो अनियमितताओं की वजह से न केवल जुर्माना भरना पड़ता बल्कि बसें जब्त किए जाने की भी आशंका थी लेकिन आरटीओ से जुड़े एक दलाल की सांठगांठ के कारण जिन्हें संरक्षण मिलने की दरकार थी आखिरकार उन्हें संरक्षण मिल ही गया और मामले ले-देकर निबटते रहे और इधर सिंगोली स्थित नए व पुराने बस स्टैंड पर बसों के इंतजार में यात्रियों की भीड़ बढ़ती गई और कई महिलाएं अपने छोटे छोटे बच्चों के साथ परेशान होती रही। उल्लेखनीय है कि 13 जनवरी गुरुवार को नीमच जिला परिवहन अधिकारी की अचानक सिंगोली में दस्तक से बिना परमिट वाली बसों के मालिक हरकत में आते हुए दिखाए दिए जिससे दिन रात बेगूँ-रावतभाटा रूट पर सरपट दौड़ने वाली बसों के कार्यवाही के अंजाम से मध्यप्रदेश की सीमा में प्रवेश करने से बस मालिक पल्ला झाड़ते हुए दिखाई दिए जिससे आज प्रातः 11 बजे से सिंगोली स्थित बस स्टैंड पर बसें नहीं आने से यात्री भी परेशान होते नजर आए।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिना परमिट वाली बसों के मालिक को दलाल के माध्यम से पहले ही परिवहन अधिकारी के सिंगोली आने की सूचना प्राप्त हो गयी थी जिस कारण बिना परमिट वाली बसों ने मध्यप्रदेश की सीमा में प्रवेश ही नहीं किया क्योंकि अनियमितता के नाम पर 20-25 साल पुरानी बसें चलती हैं और यात्रियों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है लेकिन आवश्यक एवं उचित कार्यवाही के अभाव में ऐसे बस मालिकों के हौंसले बुलंद हो रहे हैं और सांठगांठ की वजह से दलाल व भ्रष्ट अधिकारियों की पौ बारह हो रही है।

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