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तहसीलदार द्वारा विधि-विरुद्ध किया गया नामांतरण एसडीएम ने किया निरस्त

सिंगोली का तहसील कार्यालय बना भ्रष्टाचार का अड्डा 

सिंगोली(माधवीराजे)।न्यायालय तहसीलदार तहसील सिंगोली द्वारा मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता में उल्लेखित नियमों का उल्लंघन करते हुए रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के आधार पर मौजा पटवारी से साँठगाँठ करके बनवाए गए प्रतिवेदन के आधार पर विधि-विरुद्ध किया गया नामांतरण एसडीएम जावद ने निरस्त कर दिया।ऐसा यह एक नहीं बल्कि दो मामले नामांतरण के हैं जिन्हें तहसीलदार तहसील सिंगोली ने आदेश पारित करके स्वीकृत किए लेकिन दोनों नामांतरण प्रकरण नियम विरुद्ध पाए जाने पर न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व,उपखण्ड जावद जिला नीमच द्वारा अपास्त कर दिए गए।इस प्रकार भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुके सिंगोली के तहसील कार्यालय में रुपयों का लेनदेन करके किसी भी तरह का काम करवाया जाता है चाहे वह विधि-विरुद्ध ही क्यों न हो ? रुपयों के लेनदेन में पटवारी से लेकर रीडर और खुद तहसीलदार भी संलिप्त हो जाते हैं।फर्जी रजिस्ट्री के आधार पर किए गए ऐसे दो नामांतरण प्रकरण के मामले उजागर हुए हैं।प्राप्त जानकारी के मुताबिक न्यायालय तहसीलदार तहसील सिंगोली के प्रकरण क्रमांक 0423/अ-6/2022-23 में आवेदक/क्रेता सुचिता पिता नन्दकिशोर जैन निवासी कोटा(राज.)द्वारा तहसीलदार तहसील सिंगोली में  मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 109,110 के तहत प्रस्तुत कर रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के आधार पर नामांतरण चाहा गया जिस पर तत्कालीन तहसीलदार ने प्रकरण दर्ज करके मौजा पटवारी से प्रतिवेदन लिया जाकर रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के आधार पर विक्रेता के स्थान पर क्रेता का नामांतरण स्वीकृत कर दिया जिस पर अपीलार्थी वार्ड नं.09 चन्द्रशेखर आजाद मार्ग सिंगोली निवासी ओमप्रकाश पिता पूरणमल नाई एवं सोहनबाई पति स्व.पूरणमल नाई ने न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व उपखण्ड जावद में प्रकरण क्रमांक 0055/अपील/2022-2023 के माध्यम से चुनौती देते हुए नामांतरण निरस्त करने की माँग की।अपीलार्थीगण द्वारा न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जावद के समक्ष प्रस्तुत अपील में बताया कि प्रतिप्रार्थी क्रमांक 01 सुचिता पिता नन्दकिशोर जैन पति प्रवीण जैन निवासी सिंगोली के ससुर अशोककुमार जैन तथा पति सिंगोली में दस्तावेज लेखक का काम करते हैं और ससुर धोखाधड़ी के मामले में कारावास से दण्डित किए जा चुके हैं जिसके बाद अशोककुमार की दस्तावेज लेखक/सर्विस प्रोवाइडर की अनुज्ञप्ति जिला पंजीयक जिला नीमच द्वारा निरस्त की जा चुकी है और उसके पश्चात अपने पुत्र प्रतिप्रार्थी क्र. 01 के पति व उसके देवर शैलेन्द्र जैन के नाम से स्टाम्प वेंडर एवं सर्विस प्रोवाइडर का काम करता है।अपील में बताया गया कि विक्रय पत्र दिनाँक 03/06/2022 में उल्लेखित भूमि अपीलार्थीगण के सहस्वामित्व की है और तहसीलदार सिंगोली द्वारा अपीलार्थीगण को सूचना दिए बगैर व उन्हें सुनवाई का अवसर दिए बगैर विधि-विरुद्ध रूप से दिनाँक 01/08/2022 को आदेश पारित किया है जिससे अपीलार्थीगण के उक्त भूमि में जो स्वत्व,हित एवं अधिकार है उस पर विपरीत प्रभाव हो रहा है इस कारण से अपील प्रस्तुत करना आवश्यक हुई।प्रस्तुत अपील पर तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी राजकुमार हलदर ने प्रकरण में प्रस्तुत समस्त तथ्यों व दस्तावेजों का अवलोकन एवं सूक्ष्म अध्ययन करते हुए पाया कि अधीनस्थ न्यायालय(न्यायालय तहसीलदार तहसील सिंगोली) से अपीलार्थीगण को सूचना पत्र प्राप्त नहीं हुआ और अधीनस्थ न्यायालय में आपत्ति प्रस्तुत करने का अवसर प्राप्त नहीं हुआ वहीं अधीनस्थ न्यायालय की प्रकरण पत्रिका के संलग्न खसरा के अवलोकन से यह भी स्पष्ट है कि सर्वे नम्बर 428/1/1/1 रकबा 0.0460 है.भूमि पर ओमप्रकाश पिता पूरणमल,सोहनीबाई बैवा पूरणमल,प्यारीबाई पिता मूलचंद के नाम दर्ज अभिलेख है जिससे प्यारीबाई के नाम 0.0153 आरी भूमि आती है और इनके द्वारा 0.0220 आरी भूमि विक्रय की गई जो कि हिस्से से अधिक भूमि है।अधीनस्थ न्यायालय द्वारा अपीलार्थीगण को सूचना पत्र भी तामिल नहीं करवाया गया साथ ही नामांतरण नियमों का पालन भी अधीनस्थ न्यायालय द्वारा नहीं किया गया है ऐसी स्थिति में अधीनस्थ न्यायालय द्वारा की गई नामांतरण कार्यवाही प्रथम दृष्टया दूषित होने से स्थिर रखे जाने योग्य नहीं होने से अधीनस्थ न्यायालय तहसीलदार तहसील सिंगोली द्वारा प्रकरण क्रमांक 0423/अ-6/2022-23 में पारित आदेश दिनाँक 01/08/2022 अपास्त किया जाकर प्रकरण तहसीलदार तहसील सिंगोली को प्रकरण इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित किया जाता है कि वे मूल आवेदन का मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 109,110 के तहत प्रकरण का नियमों के परिप्रेक्ष्य में निराकरण करें।उक्त आदेश न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व उपखण्ड जावद जिला नीमच द्वारा दिनाँक 23/10/2023 को तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी राजकुमार हलदर के हस्ताक्षर से पारित किया गया।यह तो मात्र एक प्रकरण था इसी तरह दूसरा प्रकरण क्रमांक 0056/अपील/2022-2023 भी है जिसमें तत्कालीन तहसीलदार तहसील सिंगोली द्वारा प्रकरण क्रमांक/0489/अ-6/2021 ग्राम सिंगोली,पटवारी हल्का नम्बर 05 तहसील सिंगोली दिनाँक 23/02/2022 को अजीतकुमार के नाम पर नामांतरण स्वीकृत किया गया था जिसे भी न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व उपखण्ड जावद द्वारा दिनाँक 23/10/2023 को आदेश पारित करते हुए नामांतरण निरस्त कर दिया।इस प्रकार कई परेशानियों से जूझते हुए एक लम्बे संघर्ष के बाद अन्ततः गरीब ओमप्रकाश नाई को न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जावद से इन्साफ मिला जो नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है वहीं ऐसे कृत्य करने वाले लोगों को भू माफिया भी बताया जाने लगा है क्योंकि ये लोग जमीनों के ऐसे ही विवादास्पद मामलों में संलिप्त हैं।

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