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सिंगोली के तहसीलदार पर सरकारी जमीन भू माफिया को सौंपने का आरोप

तहसील कार्यालय के माध्यम से ही प्रदेश के मुख्यमंत्री को की शिकायत

सिंगोली(माधवीराजे)।इन दिनों सिंगोली का राजस्व महकमा और भू माफिया का गठबंधन सिंगोली तहसील क्षेत्र के लोगों में अपने कारनामों से चर्चा का विषय बना हुआ है और रोज एक नए मामले का खुलासा हो रहा है जिसका परिणाम यह हुआ है कि अब और भी कई पीड़ित व्यक्ति सामने आने लगे हैं और ऐसे सिंगोली निवासी एक व्यक्ति ने सिंगोली के तहसीलदार पर भू माफिया से साँठगाँठ करते हुए नए बस स्टैंड की बेशकीमती करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन को एक अन्य भू माफिया को सौंपने का आरोप लगाते हुए 15 मई बुधवार को तहसील कार्यालय सिंगोली के माध्यम से ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र लिखकर तहसीलदार के कारनामों की जाँच की माँग की है।तहसील कार्यालय सिंगोली में बुधवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को सम्बोधित करते हुए एक शिकायती पत्र प्रस्तुत करते हुए सिंगोली निवासी अशोककुमार पिता राधेश्याम शर्मा द्वारा तहसील कार्यालय की आवक शाखा में जमाकर ली गई प्राप्ति वाले आवेदन की एक प्रति मालवदर्शन को भी उपलब्ध कराई है।मुख्यमंत्री के नाम सौंपे गए शिकायती पत्र में श्री शर्मा ने तहसीलदार राजेश सोनी पर नया बस स्टैंड स्थित शासकीय भूमि सर्वे नम्बर 429 एवं 439 में शासकीय भूमि स्थित है जिसे जिला न्यायालय नीमच के प्रकरण क्रमांक/अपील क्र.6/2010 के अनुसार शासकीय घोषित है स्थानीय प्रशासन नगर निकाय में दस्तावेजी कूटरचना करवाने का आरोप लगाते हुए न्यायालय से शासकीय घोषित भूमि के रिकॉर्ड में हेराफेरी करवाते हुए स्थानीय निकाय में शासकीय भूमि का अवैध नामांतरण किया गया है जिसकी नकलें माँगने पर अशोककुमार को नहीं दी गई क्योंकि उक्त शासकीय भूमि तहसीलदार के करीबी जमनेशकुमार एवं राजस्थान के महावीर जैन की वजह से तहसीलदार राजेश सोनी ने करीबियों को फायदा पहुँचाने के उद्देश्य एवं भ्रष्टाचार से लाखों कमाने में रिकॉर्ड में हेराफेरी करवाते हुए भारी भ्रष्टाचार करते हुए करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन का खेल कर दिया और उक्त भूमि पर बरसों से जमी घुमटियों को हटवाकर गरीबों को बेरोजगार कर न्यायालय से घोषित शासकीय जमीन का कब्जा तहसीलदार ने अपने करीबी भू माफिया को सौंप दिया है।मुख्यमंत्री के नाम की शिकायत में श्री शर्मा ने प्रदेश के मुखिया मोहन यादव से तहसीलदार सिंगोली द्वारा किए गए शासकीय भूमि में हेराफेरी के घोटाले को उजागर करवा कर तहसीलदार पर जाँच बैठाने की माँग करते हुए सेवाकाल के दौरान अर्जित की गई चल-अचल संपत्ति की जाँच की माँग भी कर डाली।शिकायतकर्ता को बुधवार को तहसील कार्यालय सिंगोली द्वारा इस आशय के पत्र की प्राप्ति रसीद दी जाना और शिकायतकर्ता का इस तरह का शिकायती पत्र स्थानीय तहसील कार्यालय में प्रस्तुत करना तहसील कार्यालय के लिए ही गले की हड्डी बन गया है क्योंकि अब देखना यह है कि तहसील कार्यालय सिंगोली इस शिकायती पत्र को ईमानदारी से मुख्यमंत्री तक पहुँचाता है या नहीं ?बहरहाल मुख्यमंत्री को तहसील के माध्यम से की गई यह शिकायत नगर में चर्चा का विषय बनी हुई है क्योंकि यह इस तरह का अनोखा तरीका चुना है शिकायतकर्ता ने वहीं एक पार्षद ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि नगर परिषद सिंगोली द्वारा उक्त भूमि का नामांतरण किए जाने से 15 मई बुधवार को ही नगर परिषद कार्यालय में कुछ पार्षदों और नगर परिषद अध्यक्ष के बीच जमकर तू-तू,मैं-मैं भी हुई है और नाराज पार्षदों ने उक्त सरकारी जमीन का व्यक्ति विशेष के पक्ष में किया गया नामांतरण निरस्त करने की माँग तक कर डाली।

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