पेयजल आपूर्ति में भेदभाव और पक्षपात का आरोप
सिंगोली(माधवीराजे)।सिंगोली कस्बे में पैदा किए गए कृत्रिम जल संकट से उत्पन्न पेयजल समस्या को लेकर विवादों का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है फिर भी यहाँ का प्रशासन लोगों की तकलीफ दूर करने के मामले में असफल साबित हो रहा है जिसके चलते 19 मई रविवार की देर शाम को सिंगोली कस्बे में एक बार ओर माहौल गर्माया।प्राप्त जानकारी के अनुसार कस्बे के वार्ड नम्बर 10 में कई दिनों से पेयजल आपूर्ति नहीं की जा रही है और लोग बहुत परेशान हो रहे हैं फिर भी लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर किसी भी तरह की नीति व नीयत नहीं दिखाई दे रही है।नगर परिषद और अधिकारियों का कोई नियंत्रण नहीं रहा जिससे जलदाय विभाग के कर्मचारी मनमानी पर उतर आए हैं और इसी के कारण रविवार को वार्ड नम्बर 10 के महिला-पुरुष आक्रोशित होकर कर्मचारियों द्वारा की जा रही मनमानी पर अंकुश लगाने एकत्र हो गए और माहौल बहुत ज्यादा बिगड़ गया और पेयजल व्यवस्था बिगाड़ रहे कर्मचारियों का विरोध करने लगे।उल्लेखनीय है कि पिछले तीन महीने से सिंगोली कस्बे की पेयजल आपूर्ति पूरी तरह से गड़बड़ाई हुई है लेकिन अधिकारी वर्ग और जनप्रतिनिधियों द्वारा समस्या के समाधान के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए गए जिससे पेयजल समस्या से जूझते लोग अब सड़क पर उतरने हेतु मजबूर हो रहे हैं।वार्ड 10 शीतलामाता मार्ग के रहवासियों ने जलदाय विभाग के कर्मचारियों पर जानबूझकर पेयजल आपूर्ति नहीं करने का आरोप लगाते हुए बताया कि जल्द ही समस्या का समाधान नहीं किया गया तो कई महिला-पुरूष धरना प्रदर्शन सहित आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएँगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।अन्ततः लोगों की इस चेतावनी के बाद उक्त मोहल्ले में जलापूर्ति हो गई तो क्या बिना चेतावनी और बिना माहौल बिगड़े नियमित रूप से जलापूर्ति क्यों नहीं की जा सकती?रहवासियों का आरोप है कि कस्बे में पेयजल की कमी नहीं है लेकिन कर्मचारियों द्वारा पेयजल वितरण में भेदभाव और पक्षपात किया जा रहा है जो किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है क्योंकि खुद के मोहल्ले और चहेते लोगों को 8-10 घण्टे तक भरपूर पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है और जो लोग पेयजल आपूर्ति को लेकर परेशान हैं उनकी परेशानियाँ बढ़ती ही जा रही है और पेयजल आपूर्ति के लिए जलदाय विभाग द्वारा नित नए नए बहाने बनाए जा रहे हैं जो सही नहीं है।