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दो जिलों के बीच उलझा मामला अन्नदाता किसान की भूमि गाडगिल बांध के जलभराव से हो रही खराब, नहीं मिला मुआवजा, न्याय की मांग को लेकर भटक रहा किसान

नीमच। जिले के ग्राम उगरान निवासी किसान जीवन दास पिता रामदास बैरागी की कृषि भूमि मंदसौर जिले के गाडगिल बांध डूब क्षेत्र में आने से दो जिलों के बीच उक्त भूमि का मामला उलझन में पड़ गया है।उक्त भूमि का किसान को नही मुआवजा मिला है और नाही वह खेती कर पा रहा है जिसको लेकर किसान विगत 15 वर्षो से भटक रहा है।किसान कभी मंदसौर जिला तो कभी नीमच जिले के दफ्तरों के चक्कर काट रहा है परंतु कोई निराकरण नहीं निकल रहा है। मामले को लेकर पीड़ित किसान जीवन दास बैरागी ने नीमच कलेक्टर कार्यालय में मंगलवार को फिर आवेदन प्रस्तुत कर बताया कि उसके आधिपत्य एवं स्वामित्व की कृषि भूमि जो की ग्राम उगरान में स्थित होकर जिसका भूमि सर्वे नंबर 203 रकबा 1.10 है इस भूमि पर विगत 15 से 18 वर्ष से गाडगिल बांध का जलभराव हो रहा है। जो मंदसौर जिले का है।जिसके कारण कृषि भूमि नष्ट हो चुकी है कृषि भूमि नष्ट होने के संबंध में प्रशासन द्वारा मुआवजा देने का प्रावधान है किंतु विगत 15 वर्षों से मुझे मेरी खेती की भूमि नष्ट होने पर कोई राशि और मुआवजा नहीं दिया गया है कृषि भूमि डूब क्षेत्र में जाने के कारण खेती भी नहीं कर पा रहा हूं जिसके चलते परिवार के समक्ष भरण पोषण की समस्या उत्पन्न हो रही है और उक्त मामला मंदसौर और नीमच जिले के दफ्तरों में उलझन में पड़ा है कई बार मंदसौर और नीमच जिले के विभागों में भी आवेदन प्रस्तुत किए गए परंतु कोई सुनवाई अब तक नहीं हो पाई है और सीएम हेल्पलाइन पर भी उक्त मामले की शिकायत लंबित पड़ी है दिए गए आवेदन में पीड़ित किसान जीवन दास बैरागी पिता रामदास बैरागी ने मांग की है कि मेरी कृषि भूमि डूब क्षेत्र में जाने से मुझे अन्य स्थान पर कृषि भूमि दी जाए या मुझे उक्त कृषि भूमि का मुआवजा दिया जाए।

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