सिंगोली(माधवीराजे)।सिंगोली में राजस्व विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से कुछ लोग सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा जमाकर फर्जी कॉलोनियों के रूप में जमीनों को विकसित करके लाखों रुपए में भूखण्ड बेच रहे हैं।इस बात का खुलासा सबसे पहले मालवदर्शन ने ही किया था।भले ही कार्यवाही करने में विभाग ने देरी कर दी हो लेकिन कहते हैं कि देर आये मगर दुरस्त आए वाली बात को चरितार्थ करते हुए 21 जून शुक्रवार को एसडीएम लक्ष्मी गामड़ का दौरा और औचक निरीक्षण का काम सम्पन्न हो जाने के ठीक बाद तहसीलदार सिंगोली ने विवादित सर्वे नम्बरों की जमीनों के सम्बंध में स्थगन आदेश जारी करके इस सम्बंध में अभी तक मालवदर्शन में प्रकाशित हुई खबरों पर मुहर लगा दी है।उल्लेखनीय है कि कई खबरों के माध्यम से मालवदर्शन द्वारा ही सिंगोली में पनप रही अवैध कॉलोनियों का भंडाफोड़ करके प्रशासन के कान खड़े किए थे जिन्हें नीमच जिला कलेक्टर ने भी गम्भीरता से लिए थे और इसी बीच मंगलवार को कलेक्टर द्वारा की जाने वाली जनसुनवाई में भी किसी ने शिकायती पत्र सौंप दिया तो इधर कलेक्टर द्वारा भी मामले में जाँच के आदेश कर दिए।अन्ततः मालवदर्शन की खबरें सच साबित हुई और फिर कलेक्टर द्वारा जारी किए गए जाँच के आदेश के बाद मामले में तहसीलदार सिंगोली ने राजस्व निरीक्षक से जाँच प्रतिवेदन माँग लिया वहीं तहसीलदार के आदेश के बाद राजस्व निरीक्षक वृत्त 1 सिंगोली द्वारा भी 11 जून को जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत करके विवादित जमीनों का हवाला दिया जिस पर संज्ञान लेते हुए तहसीलदार ने 21 जून शुक्रवार को एक स्थगन आदेश जारी करके सिंगोली कस्बे के दस सर्वे नम्बरों की भूमियों पर निर्माण और क्रय विक्रय करने पर रोक लगा दी।