नीमच। देशभर में रात 12 बजे से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं.51 साल पुराने सीआरपीसी के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता ने ले ली है.भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय अधिनियम (बीएनएस) ने ली है.और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बी एस ए) के प्रावधान लागू हों गए हैं।जिसको लेकर सोमवार को पुलिस अधीक्षक अंकित जायसवाल के निर्देश पर नीमच जिले के सभी थाना परिसरों में प्रबुद्ध नागरिकों की बैठक ली गई है जहां पुलिस अधिकारियों ने लागू हुए तीनों नए कानून के बारे में और उनकी धाराओं के बारे में नागरिकों को जानकारी प्रदान की है शहर के कैंट थाने पर एसपी अंकित जायसवाल कैंट थाना प्रभारी सौरभ शर्मा व अन्य पुलिस अधिकारियों ने प्रबुद्ध नागरिकों की बैठक लेकर कानून के बारे में जानकारी दी और उनसे सुझाव भी प्राप्त कीए। बता दें तीन नए आपराधिक कानून एक जुलाई से देशभर में लागू हो गए हैं, जिससे भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव आ गया और औपनिवेशिक काल के कानूनों का अंत हो गया भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ब्रिटिश काल के क्रमश: भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान ले लिया है.नए कानूनों के लागू होने के बाद से आपराधिक मामलों में सुनवाई समाप्त होने के 45 दिनों के भीतर फैसला सामने आएगा.इसमें पहली सुनवाई के 60 दिनों के भीतर आरोप तय किए जाएंगे.किसी भी मामले में 3 साल में न्याय दिलाने का उद्देश्य है.नाबालिग से रेप के दोषी को उम्रकैद या फांसी की सजा होगी. गैंगरेप के दोषी को 20 साल तक की सजा या जिंदा रहने तक जेल की सजा होने का प्रावधान है.।इस नए कानून के तहत राजद्रोह अब देशद्रोह माना जाएगा.जो पहले हत्या की धारा 302 थी जो अब 101 होगी. ट्रायल के मामले में किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने पर पुलिस को उसके परिवार को जानकारी देनी होगी, पहले यह जरूरी नहीं होता था. किसी भी मामले में 90 दिनों में क्या हुआ, इसकी जानकारी पुलिस को पीड़ितों को देनी होगी.आरोपी अगर 90 दिनों के भीतर कोर्ट के सामने पेश नहीं होता है तो उसकी गैरमौजूदगी में भी ट्रायल होगा.आरोपी और पीड़ित दोनों को 14 दिनों के भीतर एफआईआर, पुलिस रिपोर्ट,चार्जशीट की कॉपी पाने का अधिकार है.केस खत्म होने के बाद जज को 43 दिन के अंदर फैसला देना होगा. फैसले के 7 दिन के अंदर सजा सुनानी होगी. कानून में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर एक नया अध्याय जोड़ा गया है. इसमें बच्चे को खरीदना या बेचना एक जघन्य अपराध माना गया है. इसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है जैसी कई धाराओं में बदलाव हुवा है जिसकी जानकारी अधिकारियों ने दी है।