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90 साल से काबिज आदिवासी किसान के खेत पर पुलिस ने चलाई जेसीबी, बिना नोटिस नष्ट की सोयाबीन की फसल, पुलिसियां कार्यवाही से नाराज किसान ने एसपी के समक्ष लगाई गुहार

नीमच। जिले की रामपुरा तहसील अंतर्गत आने वाले ग्राम हतुनिया निवासी एक भील आदिवासी की जमीन पर पुलिस द्वारा बिना नोटिस दिए अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही को अंजाम दिया गया,जिसमे पुलिस द्वारा 90 साल से काबिज किसान की जमीन पर जेसीबी चलाकर उसकी सोयाबीन की फसल नष्ठ कर दी गई,जिसको लेकर पुलिसिया कार्यवाही से नाराज ग्राम हतुनिया निवासी किसान फोरुलाल पिता वक्ताजी भील एसपी कार्यालय पहुचा जहां उसने एसपी के समक्ष एक शिकायती आवेदन प्रस्तुत किया जिसमें उसने बताया कि ग्राम हतुनिया में उसकी तथा उसके भाई बद्रीलाल व बहिन कारीबाई के शामिल खाते की सर्वे नंबर 1186 रकबा 0.9000 है.कृषि भूमि स्थित है।जो बाप-दादाओं के समय से हमारे शांतिपूर्ण आधिपत्य एवं मालकी,आधिपत्य की है।इस खेत में सोयाबीन की फसल उगा रखी थी,जो लगभग 20 दिन की होकर बड़ी हो गई थी।इस भूमि को लेकर आज दिन तक राजस्व विभाग मुझे या किसी शामिल खातेदार को अवैध कब्जे अथवा अतिक्रमण बाबद् कोई सूचना नहीं दी है और इस भूमि के संबंध में मेरे खिलाफ किसी भी न्यायालय का बेदखली का आदेश नहीं है। लेकिन तहसीलदार रामपुरा द्वारा दिनांक 28/06/2024 को हमें इस भूमि से बेदखल करने की धमकी दी गई, इस कारण व्यवहार न्यायालय वर्ग-2 क (कनिष्ठ खण्ड) मनासा (नरूला साहब) के समक्ष स्थायी निषेधाज्ञा बाबद वाद पेश किया,जिसके समंस तहसीलदार रामपुरा पर तामिल हो चुके हैं और प्रकरण की सुनवाई की पेशी दिनांक 12/07/2024 को रामपुरा कैंप पर हुई,मेरी लड़की कंचन  दिनांक 11/07/2024 को खेत की रखवाली कर रही थी, तब दोपहर बाद रामपुरा पुलिस के थानेदार तथा 15-20 पुलिस जवान दो जेसीबी मशीन लेकर पहुचे तथा मेरी लड़की द्वारा मना करने के बाद भी मेरे आधे खेत पर खड़ी फसल को नष्ट कर दिया,इतने में गांव के लोग इकट्ठे हो गए और इस अवैध कार्यवाही का विरोध किया तो पुलिस मौके से चली गई।उपरोक्त लोगों के द्वारा मेरी भूमि पर अवैध प्रवेश कर,बिना अधिकार के मेरी सोयाबीन की फसल को नष्ट कर दिया,जिससे इस फसल के पकने पर मुझे लगभग रुपये 50,000/- की आय हो सकती थी।उक्त भूमि मेरे स्वामित्व की है तथा आज दिन तक मेरे कब्जे की भूमि पर मेरा कोई अतिक्रमण या अवैध कब्जा नहीं है। इस संबंध में राजस्व न्यायालय अथवा किसी न्यायालय के द्वारा मुझे सूचना नहीं दी गई है। मेरे खिलाफ मेरी इस भूमि पर से किसी न्यायालय द्वारा बेदखली का आदेश नहीं दिया गया है, फिर भी पुलिस रामपुरा के टीआई व पुलिस जवानों ने मेरी फसल का नुकसान किया है।दिए गए आवेदन में मांग की गई है कि उक्त मामले की जांच की जाकर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जावे व मुझ गरीब भील जाति के नागरिक को न्याय व सुरक्षा प्रदान की जावे ।

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