नीमच।महिका एवं बाल विकास विभाग मध्य प्रदेश द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के तहत जारी आदेश वापस लिए जाने की मांग को लेकर मंगलवार को प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह मध्यान भोजन सांझा चूल्हा रसोइया बहनों ने मुख्यमंत्री एवं महिला बाल विकास विभाग मंत्री के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर प्रतिनिधि एसडीएम ममता खेड़े को सौंपा, जिसमें बताया गया कि महिला एवं बाल विकास विभाग ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के सभी संभागों की एक-एक परियोजना के आंगनबाड़ियों पर भोजन नाश्ता बनाने और खिलाने का काम वहां पूर्व से गठित महिला स्व सहायता समूह से छीन कर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को देने के लिए आदेश जारी किए हैं जिसका प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ विरोध करता है इस व्यवस्था पर पुनः विचार कर आदेश वापस लिया जाए, ताकि महिला बहनों का रोजगार का साधन बना रहे। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका और ब्लॉक स्तर से परियोजना अधिकारियों की मिलीभगत की वजह से वास्तविक जानकारियां छुपाई जा रही है बच्चों के आंकड़े पूर्व में भी कम दिए गए थे जिसकी जानकारी दिल्ली तक पहुंची है इस आधार पर माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश में कुपोषण की स्थिति खराब है और इसका हरजाना गरीब और अभिज्ञ स्वयं सहायता समूह को भुगतना पड़ रहा है आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सुपरवाइजर मिलकर उक्त व्यवस्था में भारी भ्रष्टाचार करेंगे जिसकी प्रबल संभावना दिखाई दे रही है जिसका पूर्ण प्रमाण 2007 में हुए भ्रष्टाचार और मनमाने बिल का भुगतान है दिए गए ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि जब तक महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के तहत जारी किया गया आदेश वापस नहीं लिया जाता है तब तक 16 जुलाई 2024 से किचन बंद कर हड़ताल की जाएगी और स्व सहायता समूह एवं रसोईया बहनों के साथ सड़क पर आकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा जिसमें चक्का जाम जल सत्याग्रह जैसे आंदोलन भी किए जाएंगे। बता दे कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश की 11 लाख स्व सहायता समूह की बहने बेरोजगार हो जाएगी जिसमें जिले की करीब 800 स्व सहायता समूह की बहने भी शामिल है।